रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन से भारत चिंतित : म्यांमार में मोदी

रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन से भारत चिंतित : म्यांमार में मोदी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-06 04:09 GMT
रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन से भारत चिंतित : म्यांमार में मोदी

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। BRICS सम्मेलन में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार के दौरे पर हैं। पीएम मोदी मंगलवार को म्यांमार पहुंचे, जहां उनका शानदार तरीके से स्वागत हुआ। इस दौरान मोदी की राष्ट्रपति हिन क्याव से मुलाकात काफी सुखद रही, पीएम ने म्यांमार के राष्ट्रपति को मुलाकात के दौरान बोद्धि वृक्ष और कई तोहफे दिए। साथ ही दोनों पड़ोसियों के बीच ऐतिहासिक रिश्ते को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां के स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की। इस मौके पर दोनों देशों के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि म्यांमार की चिंता में हम भागीदार हैं। उन्होंने कहा कि म्यांमार में शांति के लिए भारत हर संभव मदद करेगा

रोहिंग्या मुसलमानों पर बोले मोदी

इस दौरान पीएम मोदी ने रोहिंग्या मुसलमानों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों का क्षेत्र रखाइन है। पीएम ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमान भारत में अवैध रुप से घुसपैठ कर रहे हैं। आपको बता दें कि म्यांमार के रखाइन क्षेत्र में ही सरकार और रोहिंग्या मुसलमानों के बीच तनाव चल रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, "रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन से हम भी चिंतित हैं। रोहिंग्या गैर कानूनी रूप से भारत में घुसते हैं। रोहिंग्या मुसलमानों का भारत आना बड़ी समस्या है। पड़ोसी होने के नाते हमारे हित एक समान है इसलिए म्यांमार में शांति के लिए भारत उसकी हर संभव मदद करेगा।"

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा, "म्यांमार के जो नागरिक भारत की सैर करना चाहते हैं, उन्हें ग्रेटिस वीजा दिया जाएगा और भारत की जेलों में बंद 40 म्यामांरवासियों को छोड़ दिया जाएगा।"
 

म्यांमार है भारत-चीन के लिए अहम

म्‍यांमार को भारत के लिए दक्षिण-पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार माना जाता है। चीन के लिए भी यह रणनीतिक अहमियत रखता है। ऐसे में भारत ही नहीं, बल्कि चीन भी यहां अपना दायरा बढ़ाने में जुटा हुआ है। म्‍यांमार चीन की वन बेल्‍ट वन रोड़ परियोजना का एक अहम पड़ाव है। दोनों देश चाहेंगे कि म्‍यांमार उनके साथ खड़ा हो।

रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा भी गरम

आपको बता दें कि म्यांमार में लगातार रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों ने एक बार फिर से दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. भारत समेत सयुंक्त राष्ट्र भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 400 रोहिंग्या मुस्लिम की हत्या हो चुकी है। वे बड़े पैमाने पर अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ों और नदियों के रास्ते म्यांमार को पार कर बांग्लादेश के कुटुपालंग रिफ्यूजी कैंप की ओर पलायन कर रहे हैं। 

दरअसल भारत सरकार के लिए अवैध रोहिंग्या मुसलमान एक चिंता का कारण हैं और सरकार उन्हें वापस भेजना चाहती है। अपने दौरे से पहले मोदी ने कहा कि भारत और म्यांमार मौजूदा सुरक्षा और काउंटर टेररिज्म के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करेंगे।
 

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