आर्चबिशप को जवाब, 'हमारे राष्ट्रवाद ने ही बंधक भारतीयों को छुड़ाया'

आर्चबिशप को जवाब, 'हमारे राष्ट्रवाद ने ही बंधक भारतीयों को छुड़ाया'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-03 17:26 GMT
आर्चबिशप को जवाब, 'हमारे राष्ट्रवाद ने ही बंधक भारतीयों को छुड़ाया'

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के प्रचार-प्रसार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रवाद के खिलाफ बोलने वालों निशाने पर लेते हुए जमकर हमला किया। इसी सभा में उन्होंने गांधीनगर के आर्चबिशप थॉमस मैकवान को भी जवाब देते हुए कहा कि यह हमारा राष्ट्रवाद ही था, जिसने विदेश में बंधक भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने में मदद की।

पीएम ने आगे कहा कि यह केवल राष्ट्रवाद ही है, जिससे फादर टॉम और फादर प्रेम को छुड़ाकर लाना संभव हुआ। बता दें कि फादर टॉम उजुनालिल को यमन में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने बंधक बना लिया था। वह केरल के रहने वाले हैं। पीएम मोदी यहीं नहीं रूके, उन्होंने पश्चिम एशिया में फंसी नर्सों को छुड़ाने और जूडिथ डिसूजा को बचाने जैसे मामलों पर भी जमकर टिप्पणी की।

पीएम मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुए कहा कि क्या आपने देखा है, सुषमा जी कितनी सक्रिय हैं? मानवीय मूल्यों के तहत वह कई जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही हैं। वे दुनिया के किसी भी हिस्से में हों लेकिन वह उनकी मदद करती हैं।

गौरतलब है कि अभी कुछ ही दिनों पहले गुजरात चुनाव के दौरान ही गांधीनगर के आर्चबिशप थॉमस मैकवान ने ईसाई समुदाय के लोगों को एक पत्र लिखा था। आर्चबिशप ने अपने इस पत्र में ईसाई समुदाय से देश को "राष्ट्रवादी ताकतों" से बचाने का अनुरोध किया था। बता दें कि गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव होने हैं, जबकि 18 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी नर्सें पश्चिम एशिया में फंसी थीं। जब मानवीय काम करने वाली नर्सें फंसी हों तो भला कोई चैन से कैसे सो सकता है? पीएम ने कहा कि जब जूडिथ डिसूजा का अपहरण हुआ था, हमने वह सब कुछ किया, जो भारत की इस बेटी को वापस लाने के लिए हम कर सकते थे। उन्हें स्वदेश लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए। पीएम ने आगे कहा कि जो लोग राष्ट्रवादियों के खिलाफ फतवे जारी कर रहे हैं, उन्हें उन प्रयासों पर भी गौर करना चाहिए जो फादर टॉम को वापस लाने के लिए किए गए। हम फादर प्रेम को भी स्वदेश लाने में कामयाब रहे, जिन्हें अफगानिस्तान में अगवा कर लिया गया था।

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