राहुल-प्रियंका की रैली पर मौसम की मार, सहारनपुर, कैराना और बिजनौर में चुनावी सभा टली

राहुल-प्रियंका की रैली पर मौसम की मार, सहारनपुर, कैराना और बिजनौर में चुनावी सभा टली

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-08 04:10 GMT
राहुल-प्रियंका की रैली पर मौसम की मार, सहारनपुर, कैराना और बिजनौर में चुनावी सभा टली
हाईलाइट
  • अखिलेश-मायावती और भाजपा के खिलाफ भरेंगे हुंकार
  • सहारनपुर
  • कैराना और बिजनौर में चुनावी सभा
  • ुपश्चिमी उत्तर प्रदेश में राहुल-प्रियंका का चुनाव प्रचार

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी की आज (सोमवार) को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, कैराना और बिजनौर में होने वाली रैली टाल दी गई है। इसके पीछे की मुख्य वजह मौसम में अचानक हुआ बदलाव बताया जा रहा है। तेज हवा और पानी के वजह से हेलीकॉप्टर के लैंडिग मुश्किल हैं। ऐसे में तीन जगहों पर होने वाली जनसभा को रद्द कर दिया गया है।  बता दें कल पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। ऐसे में राहुल-प्रियंका का पश्चिम यूपी में रैली करना अहम था। हालांकि अभी कल के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। 

सपा-बसपा के गठबंधन के बाद पश्चिम यूपी में मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है। भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस पार्टी मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हैं। बता दें कि कल (रविवार) को पश्चिमी यूपी में मायावती-अखिलेश ने साझा रैली करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला था। मायावती ने खुलेआम सहारनपुर के मुस्लिमों से वोट न बांटने की अपील करते हुए कांग्रेस को खुली चुनौती दी। ऐसे में अब तक गठबंधन के प्रति नरम रवैया अपनाने वाले राहुल व प्रियंका जब सहारनपुर की धरती पर पहुंचेंगे तो किस अंदाज में मायावती के मुस्लिम कार्ड का जवाब देंगे, ये देखना भी दिलचस्प होगा।

गौरतलब है कि पश्चिम यूपी की जिन आठ सीटों पर पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान हो रहा है, उनमें कांग्रेस को सहारनपुर में अपनी स्थिति सबसे मजबूत नजर आ रही है। इसकी वजह 2014 के चुनाव नतीजे हैं, जब मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस के प्रत्याशी इमरान मसूद बीजेपी के विजयी प्रत्याशी राघव लखनपाल से महज 65 हजार वोट पीछे रह गए थे। दरअसल, सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब 38 फीसदी मुस्लिम हैं, जिन पर कांग्रेस की एक बार फिर नजर है और बीएसपी को मुस्लिम वोट बैंक के बंटने का खतरा सता रहा है, क्योंकि हाजी फजलुर्रहमान के रूप में गठबंधन ने भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। 

 

 

 

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