राहुल का सवाल, 'पीएम बताएं जवानों के हत्यारे मसूद अजहर को किसने रिहा किया'

राहुल का सवाल, 'पीएम बताएं जवानों के हत्यारे मसूद अजहर को किसने रिहा किया'

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-10 07:33 GMT
राहुल का सवाल, 'पीएम बताएं जवानों के हत्यारे मसूद अजहर को किसने रिहा किया'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलवामा आतंकी हमले को लेकर फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने सवाल किया है कि, पीएम मोदी शहीदों के परिवार को बताएं कि, पुलवामा में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों के हत्यारे मसूद अजहर को किसने जेल से रिहा किया था। राहुल ने सवाल के साथ ही मसूद अजहर को वापस भेजने की तस्वीरें भी शेयर की हैं। 


"राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे डील मेकर"
रविवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम से सवाल किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट मे लिखा है, पीएम मोदी कृपया शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों के परिवार को बताएं कि जवानों के हत्यारे मसूद अजहर को किसने रिहा किया। पीएम उन्हें ये भी बताएं कि, वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ही डील मेकर थे, जिसने कधांर जाकर हत्यारे को पाकिस्तान को सौंप दिया था।
 

 

बता दें कि इससे पहले शनिवार को भी एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल किया था। कर्नाटक के हवेरी में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि, कुछ दिन पहले पुलवामा में CRPF के जवान शहीद हो गए। इन CRPF के शहीदों को किसने मारा? जैश-ए-मोहम्मद के चीफ का क्या नाम है? क्या बीजेपी की सरकार ने मसूद अजहर को हिन्दुस्तान की जेल से पाकिस्तान नहीं भेजा था?


20 साल पहले भारत के कब्जे में था मसूद अजहर
गौरतलब है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मसूद अजहर आज से करीब 20 साल पहले भारत की गिरफ्त में था। 24 दिसंबर 1999 में हुए कंधार विमान अपहरण के दौरान मसूद अजहर समेत उसके दो साथियों को मजबूरन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को रिहा करना पड़ना। दरअसल इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 ने काठमांडू, नेपाल के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी थी। विमान में कुल 178 यात्री और क्रू मेंबर सवार थे। विमान के टेकऑफ के कुछ देर बाद ही पांच पाकिस्तानी आतंकियों ने विमान को हाईजैक कर लिया था।


विमान का अपहरण कर आतंकियों की रिहाई की मांग 
अपहरण करने के बाद वे विमान को अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए कंधार, अफगानिस्तान ले गए। विमान को छोड़ने के बदले में आतंकियों ने भारतीय जेलों में बंद 35 उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर नगद देने की मांग की थी। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आतंकियों की कोई भी मांग मानने को तैयार नहीं थी, लेकिन भारतीय यात्रियों की जान बचाने के लिए सरकार आतंकियों से बातचीत करती रही। आखिरी में 31 दिसंबर 1999 को आतंकियों ने भारत की गिरफ्त में तीन आतंकियों की रिहाई की मांग की।


आतंकियों के साथ मध्यस्थता में थे अजीत डोभाल
यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को मसूद अजहर को जम्मू की कोट भलवाल जेल से निकालकर कंधार ले जाकर छोड़ना पड़ा था। जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया था। वाजपेयी सरकार के तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद तीनों आतंकियों को लेकर कंधार के लिए रवाना हुए थे। वे कंधार हवाई अड्डे पर पहुंचे और वहां जम्मू की कोट भलवाल जेल से आतंकी मौलाना मसूद अजहर को निकालने के बाद अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद को रिहा कर दिया था। आपको बता दें कि आतंकियों के साथ मध्यस्थता करने के लिए भारत की तरफ से जो टीम भेजी गई उसमें तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह और वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल थे।

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