राहुल का PM पर तंज - मन की बात में राफेल डील और नीरव मोदी पर बोलें

राहुल का PM पर तंज - मन की बात में राफेल डील और नीरव मोदी पर बोलें

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-22 03:42 GMT
राहुल का PM पर तंज - मन की बात में राफेल डील और नीरव मोदी पर बोलें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। दरअसल, ट्विटर पर पीएम मोदी ने 25 फरवरी को होने वाले "मन की बात" प्रोग्राम के लिए सजेशन मांगे थे। इस पर रिप्लाय करते हुए राहुल ने कहा कि "आप अपने प्रोग्राम के लिए सजेशन क्यों मांगते हैं, जबकि आपको पता है कि देश आपसे किन मुद्दों पर जवाब मांगना चाहता है। अगली बार मन की बात में आप राफेल डील और नीरव मोदी पर बोलें।" बता दें कि PNB स्कैम और राफेल डील को लेकर राहुल लगातार ट्विटर पर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं और पीएम की चुप्पी पर भी निशाना साध चुके हैं।

 

 


राहुल ने क्या कहा? 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया, जिसमें एक बार फिर से राफेल डील और PNB स्कैम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। राहुल ने अपने ट्वीट में कहा "मोदी जी, पिछले महीने मन की बात प्रोग्राम के लिए मेरे सजेशंस को आपने नजरअंदाज किया था। आप अपने प्रोग्राम के लिए आइडियाज़ क्यों मांगते हैं, जबकि आप दिल से इस बात को जानते हैं कि भारत आपसे क्या सुनना चाहता है?" इस ट्वीट में राहुल ने मन की बात प्रोग्राम के लिए फिर से सुझाव देते हुए कहा कि "नीरव मोदी की 22 हजार करोड़ की लूट और भागने पर और 58 हजार करोड़ के राफेल स्कैम पर बोलें। आपके उपदेशों का मैं इंतजार कर रहा हूं।"

पीएम ने मांगे थे सजेशन

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को अपने ट्विटर अकाउंट पर इस महीने होने वाले "मन की बात" प्रोग्राम के लिए लोगों से सजेशन मांगे थे। पीएम ने ट्वीट किया था कि "25 फरवरी को होने वाले इस महीने की मन की बात के लिए आपके पास क्या आइडिया और सजेशन हैं? आप अपने मैसेज को 1800-11-7800 पर रिकॉर्ड कर भेज सकते हैं। इसके साथ ही आप नरेंद्र मोदी एप पर भी अपने आइडियाज़ को शेयर कर सकते हैं।"

 

 



इससे पहले राहुल ने क्या सुझाव दिए थे? 

इससे पहले प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी को होने वाले मन की बात प्रोग्राम के लिए सुझाव मांगे थे। इस पर जवाब देते हुए राहुल ने लिखा था कि "डियर मोदी जी, अब जब आपने मन की बात के लिए कुछ आइडिया मांगे तो हमें इन तीन प्लान्स के बारे में बताइए। पहला- युवाओं के रोजगार के बारे में, दूसरा- चीन को धोखा-लाम (डोकलाम) पर और तीसरा- हरियाणा में बलात्कार रोकने के लिए।"

PNB स्कैम पर राहुल के वार : 

- मैं मोदी जी से रिक्वेस्ट करना चाहूंगा कि जब वो अपनी अगली फॉरेन विजिट पर जाएं, तो दूसरे मोदी जी को वापस ले आएं।
- पहले ललित, फिर माल्या, अब नीरव भी हुआ फरार। कहां है ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा कहने वाला देश का चौकिदार? साहेब की खामोशी का राज जानने को जनता बेकरार, उनकी चुप्पी चीख-चीखकर बताए वो किसके हैं वफादार।
- नीरव मोदी की भारत को लूटने की गाइड। 1- मोदी से गले मिलो, 2- दावोस में उनके साथ दिखो। इसका इस्तेमाल ऐसे करो। पहले 12 हजार करोड़ रुपए चुराओ और फिर जब सरकार दूसरी तरफ देख रही हो, तो माल्या की तरह देश छोड़कर भाग जाओ।
- बच्चे एग्जाम में कैसे पास हों, इस पर प्रधानमंत्री 2 घंटे तक भाषण देते हैं, लेकिन 22 हजार करोड़ रुपए के बैंक स्कैम पर 2 मिनट भी नहीं बोलते।

क्या है  PNB घोटाला? 

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ है। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।

क्या है राफेल डील? 

भारत ने 2010 में फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और 126 फाइटर जेट पर सहमित बनी थी। इस डील पर 2012 से लेकर 2015 तक सिर्फ बातचीत ही चलती रही। इस डील में 126 राफेल जेट खरीदने की बात चल रही थी और ये तय हुआ था कि 18 प्लेन भारत खरीदेगा, जबकि 108 जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में असेंबल होंगे यानी इसे भारत में ही बनाया जाएगा। फिर अप्रैल 2015 में मोदी सरकार ने पेरिस में ये घोषणा की कि हम 126 राफेल फाइटर जेट को खरीदने की डील कैंसिल कर रहे हैं और इसके बदले 36 प्लेन सीधे फ्रांस से ही खरीद रहे हैं और एक भी राफेल भारत में नहीं बनाया जाएगा।

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