राजस्थान विधानसभा में 5 फीसदी गुर्जर आरक्षण को लेकर बिल पास

राजस्थान विधानसभा में 5 फीसदी गुर्जर आरक्षण को लेकर बिल पास

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-13 13:38 GMT
राजस्थान विधानसभा में 5 फीसदी गुर्जर आरक्षण को लेकर बिल पास
हाईलाइट
  • गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला किया है।
  • यह तीसरी बार है जब गुर्जरों के लिए यह बिल पास हुआ हो।
  • राजस्थान सरकार ने विधानसभा में 5 फीसदी आरक्षण को लेकर बिल पास कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, जयपुर। नौकरियों और शिक्षा में पांच फीसदी कोटा की मांग को लेकर राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से जारी गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राजस्थान सरकार ने विधानसभा में 5 फीसदी आरक्षण को लेकर बिल पास कर दिया है। यह तीसरी बार है जब गुर्जरों के लिए यह बिल पास हुआ हो। इससे पहले एक बार गहलोत सरकार और वसुंधरा राजे के सीएम रहते भी आरक्षण बिल पास हुआ था। हालांकि हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी थी।

 

 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिल पास होने को लेकर कहा, "हमारी सरकार का यह दृढ़ विश्वास है कि समाज के हर तबके- खासतौर पर निर्धन, असहाय और पिछड़े वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर ही हम अपने प्रदेश को गरीबी और बेरोजगारी के अभिशाप से मुक्त कर सकते हैं। लेखानुदान वर्ष 2019-20 विधानसभा में प्रस्तुत। इसके साथ ही सीएम ने गुर्जरों से अपील की है कि वह रेलवे ट्रैक और हाईवे से धरना खत्म करें।" 

इससे पहले भी राजस्थान विधानसभा में दो बार गुर्जर आरक्षण बिल पास हो चुका है। पहली बार अशोक गहलोत के सीएम पद पर रहते ही गुर्जरों को आरक्षण दिया गया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने इसपर एक्शन लेते हुए इस बिल को नामंजूर कर दिया था। इसके बाद वसुंधरा राजे सरकार ने 5 प्रतिशत वाले गुर्जर आरक्षण बिल को पास किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसपर भी रोक लगा दी थी। 

हाईकोर्ट का कहना था कि राजस्थान में आरक्षण की कुल क्षमता 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यह पहले से ही 49 प्रतिशत है और एक प्रतिशत आरक्षण गुर्जरों को दिया जा रहा था। इसके बाद राजस्थान सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

बता दें कि पिछले पांच दिनों से गुर्जर समाज नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर पटरियों और नेशनल हाइवे पर धरने पर बैठे हैं। आंदोलनाकारियों ने दिल्ली-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग को धोलपुर में जाम लगाने की कोशिश भी की थी। जिसके बाद पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प हो गई थी। आंदोलनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी थी और पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। इस दौरान 6 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे। इसके बाद धौलपुर और करौली जिले में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई थी।

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