ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल राज्यसभा में पास, भेदभाव रोकने की कवायद

ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल राज्यसभा में पास, भेदभाव रोकने की कवायद

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-26 18:40 GMT
ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल राज्यसभा में पास, भेदभाव रोकने की कवायद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा ने मंगलवार को ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल, 2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक किन्नर समुदाय (ट्रांसजेंडर) के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए लाया गया है। इससे पहले इस बिल को संसद के मानसून सत्र में लोकसभा ने पारित किया था।

इस बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजे जाने की मांग भी हुई थी, लेकिन इस मांग के खारिज होने के बाद इसे राज्‍यसभा में पारित कर दिया गया। इसके पक्ष में 48 और विपक्ष में 67 सदस्यों ने मतदान किया।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि यदि संबंधित प्रावधानों का विस्तार से अध्ययन किया जाए, तो सदस्यों की कुछ आशंकाएं निराधार हैं।  मंत्री ने कहा कि यह विधेयक व्यापक है और इसमें कोई कमी नहीं है।

बिल पर चर्चा के दौरान रूपा गांगुली ने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वो इसे पढ़ें इससे उन्हें सम्मानपूर्वक जीने का मौका मिलेगा। क्या हम यह नहीं चाहते कि सब एक साथ रहें? क्यों कोई कम्यूनिटी अलग रहे? कम्यूनिटी एक ही है वह है ह्यूमेनिटी।

विधेयक का समर्थन करते हुए, वाईएसआरसीपी नेता वी. विजयसाई रेड्डी ने कहा, अगर सदन इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का फैसला करता है तो उन्हें आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो मेरे पास कुछ सुझाव हैं। एआईएडीएमके नेता नवनीत कृष्णन ने विधेयक का नाम बदलकर थर्ड जेंडर बिल करने का सुझाव दिया।

2011 की जनगणना के अनुसार, देश में लगभग 4.8 लाख ट्रांसजेंडर लोग हैं, लेकिन अनुमान है कि इनकी संख्या देश में 40 लाख के करीब है। 

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