SC ने खारिज की NOTA की याचिका, कहा- '' इसे दायर करने में लेटलतीफ है कांग्रेस ''

SC ने खारिज की NOTA की याचिका, कहा- '' इसे दायर करने में लेटलतीफ है कांग्रेस ''

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-03 07:58 GMT
SC ने खारिज की NOTA की याचिका, कहा- '' इसे दायर करने में लेटलतीफ है कांग्रेस ''

डिजिटल डेस्क, नई दल्ली। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने गुरुवार को NOTA (नोटा-उपरोक्त में से कोई नहीं) पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि गुजरात में 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में NOTA (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प के इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस याचिका दायर की थी। SC ने इस मामले में कांग्रेस की तरफ से याचिका दायर करने में देरी का जिक्र करते हुए नोटा पर तत्काल रोक लगाने से मना कर दिया। कोर्ट ने इस संबंध में चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 13 सितंबर के लिए टाल दी है।

कपिल सिब्बल ने रखे कांग्रेस के तर्क

मामले में याचिका वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल पर खिलाफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताभ रॉय और जस्टिस एएम खानविलकर की सदस्यता वाली पीठ के समक्ष दायर की थी और फौरन सुनवाई की मांग की थी। सिब्बल ने कोर्ट से तर्क दिया कि NOTA भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। गुजरात में अब चुनाव हो रहे हैं तो वो कोर्ट में इसे चुनौती दे रहे हैं।
गुजरात कांग्रेस की ओर से दायर दाखिल याचिका में कहा गया है कि NOTA का प्रावधान संविधान में नहीं है और न ही कोई कानून है। ये सिर्फ चुनाव आयोग का सर्कुलर है। ऐसे में  NOTA जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 का उल्लंघन करता है।

SC ने कांग्रेस से किए सवाल

  • SC ने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने जनवरी 2014 में नोटिफिकेशन जारी किया और अब अगस्त 2017 चल रहा है। इस बीच राज्यसभा के चुनाव हुए लेकिन कांग्रेस कभी इसे चुनौती नहीं दी? आज नोटा को इसलिए चुनौती दी जा रही हैं क्योंकि ये आपको जच नहीं कर रहा। कोर्ट ने ये भी कहा कि चुनाव आयोग ने 14 जुलाई को चुनाव नोटिफिकेशन जारी किया था तब भी कांग्रेस ने चुनौती नहीं दी। अब चुनाव आ गए हैं तो चुनौती दी गई।
  • SC ने कांग्रेस से कहा कि "आप राजनीतिक पार्टी हैं और कोई भी विधायक इसे चुनौती दे सकता था। लेकिन आप तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक आप प्रभावित न हो रहे हों। ये भी ध्यान रखना चाहिए कि नोटा का 2014 का नोटिफिकेशन चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के लिए किया था न कि गुजरात के लिए।

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