श्रीनगर आतंकी हमले के बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा बढ़ी

श्रीनगर आतंकी हमले के बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा बढ़ी

IANS News
Update: 2020-08-14 11:00 GMT
श्रीनगर आतंकी हमले के बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा बढ़ी

श्रीनगर, 14 अगस्त (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी में दिनदहाड़े आतंकवादियों द्वारा दो स्थानीय पुलिसकर्मियों की हत्या ने अधिकारियों को पूरे घाटी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने पर मजबूर कर दिया है।

इस तरह की संभावना के खुफिया इनपुट के बावजूद स्वतंत्रता दिवस के पहले आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया।

दोनों पीड़ित श्रीनगर जिले के नौगाम क्षेत्र में श्रीनगर-बारामूला राजमार्ग में तैनात बल के समूह में शामिल थे। एक अन्य पुलिसकर्मी भी इस हिट एंड रन आतंकी घटना में घायल हुए हैं।

आईजीपी (कश्मीर) के विजय कुमार घटना के तुरंत बाद तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे।

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद संगठन के आतंकवादियों ने इन घटनाओं को अंजाम दिया है।

उन्होंने कहा, हमने उनकी पहचान की है। वे जैश से जुड़े हुए थे। पुलिस ने नागरिकों को बचाने के लिए आतंकवादियों के हमले का जवाब नहीं दिया।

आईजीपी ने कहा, इस तरह के हमले के लिए हमारे पास खुफिया सूचना थी और हमने सभी सुरक्षाकर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा था।

उन्होंने कहा, हमारे दो जवानों की शहादत दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने हालांकि यह मानने से इनकार कर दिया कि हमले सुरक्षा खामियों की वजह से हुए हैं।

सुरक्षा बलों ने अपने पुराने अनुभवों से सीख लेते हुए, पूरे कश्मीर में रेड अलर्ट जारी किया था। साथ ही बीते तीन दिनों से सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के अलावा श्रीनगर प्रवेश करने वाले सभी वाहनों का औचक निरीक्षण भी किया गया।

स्निफर डोग्स को श्रीनगर शहर के सभी संवेदनशील सुरक्षा प्रतिष्ठनों के आस-पास तैनात किया गया है।

वहीं सोनावर क्षेत्र में शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्डेडियम के आसपास सभी ऊंची इमारतों पर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के शॉर्प शूटर तैनात किए गए हैं। साथ ही स्थानीय पुलिस द्वारा आने-जाने वाले यात्रियों के आईडी कार्ड और उनके सामानों की जांच की जा रही है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा यहां राष्ट्रीय झंडा फहराएंगे और मुख्य स्वतंत्रता दिवस समारोह में सलामी लेंगे।

शुक्रवार को आतंकी हमले की सूचना मिलने के बाद, लोग तुरंत अपने घरों की ओर जाने लगे। दूसरी तरफ बाजारों में पहले से ही महामारी के दुष्प्रभाव की वजह से लोगों की संख्या कम है।

आरएचए/एसजीके

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