शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताया शोक

मध्य प्रदेश शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताया शोक

Anupam Tiwari
Update: 2022-09-11 11:18 GMT
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताया शोक
हाईलाइट
  • स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 99 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

डिजिटल डेस्क, भोपाल। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन रविवार को निधन हो गया है, वे 99 साल के थे। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की पहचान सनातन (हिंदू) धर्म में धर्म सम्राट की रही। देश के अलावा दुनियाभर के कई देशों में उनके शिष्यों की संख्या लाखों में है। उनके निधन के बाद लाखों शिष्यों को गहरा आघात लगा है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में उनका निधन हुआ था।

सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में दोपहर के करीब 3 बजे अंतिम सांस ली। हाल ही में उन्होंने अपना 99वां जन्मदिन भी काफी धूमधाम के साथ मनाया था। 2 सितंबर 1924 में उनका जन्म हुआ था। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारका और ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य थे।

पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर ट्वीट कर शोक व्यक्त और लिखा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!

आजादी में निभाई भी भूमिका

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने देश की आजादी के खातिर भी लड़ाई लड़ी थी। उनका बचपन का नाम पोथीराम था। बताया जा रहा  है कि उन्होंने काशी जाकर करपात्री महाराज से धर्म की शिक्षा ली थी। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में भी उनका काफी योगदान रहा है और आजादी के इस महायज्ञ में कूद पड़े थे। उन्हें दो बार जेल का भी रास्ता देखना पड़ा था। साल 1989 में इन्हें शंकराचार्य की उपाधि मिली थी। खबरों के मुताबिक, वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 

राममंदिर ट्रस्ट पर खड़े किए थे सवाल

गौरतलब है कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती हमेश अपनी बेबाक आवाज के लिए जाने जाते थे। हर सामाजिक मुद्दे पर निर्भीकता के साथ अपनी बातों को रखते थे। उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर सवाल भी खड़ा किया था। उन्होंने दो टूक में ये भी कहा था कि भगवा पहन लेने से कोई सनातनी नहीं हो जाता है। आगे ये भी कहा था कि राममंदिर ट्रस्ट में ऐसा कोई शख्स नहीं है, जो प्राण प्रतिष्ठा भी करा सकता है। उन्होंने धन को लेकर भी ट्रस्ट पर गंभीर सवाल खड़े किए थे।

मोदी सरकार पर साधा था निशाना

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने गोहत्या बंद न कराने को लेकर मोदी सरकार पर इशारों में हमला बोला था और कहा था कि  गो हत्या बंदी के लिए जब इनकी संख्या संसद में 2 थी। तब लंबे समय तक संघर्ष किया गया। जब संसद में इनकी संख्या 200 से ज्यादा हो गई तो यह गोहत्या बंदी का नारा भूल गए। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के इस अंदाज को लोक काफी पसंद भी करते थे। 

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