मप्र: कमलनाथ काल के कामकाज की फाइलें खोलने की तैयारी में शिवराज सरकार

मप्र: कमलनाथ काल के कामकाज की फाइलें खोलने की तैयारी में शिवराज सरकार

IANS News
Update: 2020-05-09 10:00 GMT
मप्र: कमलनाथ काल के कामकाज की फाइलें खोलने की तैयारी में शिवराज सरकार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के काल में लिए गए फैसलों की फाइलों को खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए विभाग वार मंत्री पूर्व में लिए गए फैसलों की समीक्षा भी कर रहे हैं।

15 महीने रही कमलनाथ सरकार
राज्य में लगभग 15 माह कमलनाथ सरकार रही है और इस अवधि में तत्कालीन सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। वर्तमान सरकार को इन फैसलों में कई तरह की गड़बड़ियां नजर आ रही हैं, लिहाजा प्रदेश सरकार के अधिकांश मंत्री यह चाहते हैं की पूर्ववर्ती सरकार ने फैसलों के नाम पर जो गड़बड़ी की है उनकी फाइल खोलकर जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

वेयरहाउस आवंटन में बड़ा घोटाला
राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा, वेयरहाउस आवंटन में ही बड़ा घोटाला हुआ है सरकारी और सहकारी समितियों के वेयरहाउस को प्राथमिकता ना देकर कमलनाथ सरकार ने निजी क्षेत्रों के वेयर हाउसों को प्राथमिकता दी यह एक बड़ा घोटाला है, इसकी जांच जरूरी है और इसमें कई अधिकारी भी शामिल हैं। उन पर भी कार्रवाई करने से सरकार हिचकेगी नहीं। पटेल ने कहा, 15 माह में कमलनाथ सरकार ने इस प्रदेश की सारी व्यवस्थाओं को चौपट कर दिया था और उद्योगपतियों व धन्ना सेठों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही थी पूर्ववर्ती सरकार के काल में जो घोटाले हुए हैं उन्हें सामने लाना जरूरी होगा।

पूर्ववर्ती सरकार के काल में गड़बड़ियां हुई
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी पूर्वर्ती सरकार के काल में हुई गड़बड़ियों की बात मानते हैं उनका कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार के काल में गड़बड़ियां हुई और इसकी जांच के लिए मुख्यमंत्री से भी अनुरोध किया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा, यह कोई फाइल खोलने की बात नहीं, पूर्ववर्ती सरकार ने जो फैसले लिए वह जनहित में थे। जो होने जा रहा है वह वास्तव में भाजपा के अंदर मंत्रिमंडल में जगह पाने को लेकर चल रही होड़ को काबू पाने का एक तरीका है। जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए है और मंत्री पद के दावेदार है, उनका रास्ता रोकने की यह चाल है।

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उन्होंने आगे कहा, यह सब भाजपा के भीतर चल रही मंत्री पद पाने की खींचतान को कम करने के लिए पैंतरेबाजी चल रही है। ज्ञात हो कि डेढ़ दशक तक भाजपा कि राज्य में सत्ता रही और कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद व्यापम घोटाला, ई टेंडरिंग घोटाला, संबल योजना में घोटाला सहित कई मामलों की जांच ने रफ्तार पकड़ी थी और उसकी आंच कई राजनीतिक नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी आई थी। अब भाजपा एक बार सत्ता में आई है और उसने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए कामकाज की समीक्षा की तैयारी तेज कर दी है।

 

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