सीताराम येचुरी फिर चुने गए पार्टी महासचिव

सीताराम येचुरी फिर चुने गए पार्टी महासचिव

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-22 13:09 GMT
सीताराम येचुरी फिर चुने गए पार्टी महासचिव

डिजिटल डेस्क। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को सीताराम येचुरी को दूसरे कार्यकाल के लिए पार्टी महासचिव चुन लिया। येचुरी दूसरी बार महासचिव बने हैं। इस दौड़ में प्रकाश करात का नाम भी चर्चा में था, लेकिन अंतिम मोहर सीताराम येचुरी के नाम पर लगी। यह फैसला पार्टी की हैदराबाद मीटिंग में लिया गया। 65 वर्षीय येचुरी ने वर्ष 2015 में विशाखापत्तनम में संपन्न 21 वीं पार्टी कांग्रेस में प्रकाश करात का स्थान लिया था और पार्टी महासचिव बने थे।

नवनिवार्चित केंद्रीय कमेटी की पहली बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों में सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बिमन बसु, बृंदा करात, माणिक सरकार, पिनारायी विजनयस, सुभाषिणी अली और रागावुलु समेत कुल 17 लोगों को पोलित ब्यूरो के लिए चुना गया। इससे पहले 20 नये सदस्यों के साथ सेंट्रल कमिटी के 95 मेम्बर चुने गए। कमिटी में 17 महिलाओं को स्थान मिला है। वही उत्तराखंड राज्य कमिटी के सचिव राजेन्द्र नेगी और छत्तीसगढ राज्य के संजय पराटे को स्थायी सदस्य बनाया गया है।

इस बात के कयास पहले ही लगाए जा रहे थे कि पार्टी फिर से सीताराम येचुरी को महासचिव की जिम्मेदारी दे सकती है। पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई दो फाड़ होने के कगार पर पहुंच गई थी। प्रकाश करात और सीताराम येचुरी के बीच मतभेद की खबर भी आ चुकी हैं। सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सीताराम येचुरी को पार्टी का महासचिव बनाया गया हैं।


प्रकाश करात और सीताराम येचुरी के बीच कई बार विवाद की खबरें सामने आई हैं। लोकसभा चुनाव में सीताराम येचुरी किसी भी सूरत में बीजेपी के जीत के रथ को रोकना चाहते हैं। इसलिए सीताराम येचुरी ने कांग्रेस से हाथ मिलाने से भी गुरेज नहीं किया। जबकि प्रकाश करात का मानना है कि वह पार्टी सिद्धांतों से समझौते के बिल्कुल खिलाफ हैं। उन्हें काग्रेंस के साथ गठबंधन नामंजूर था। ऐसा माना जा रहा था। करात के रवैये से पार्टी को आगामी चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

 

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