24 साल पुराने मामले में गिरफ्तार होंगे सूर्य प्रताप शाही, योगी सरकार में हैं मंत्री

24 साल पुराने मामले में गिरफ्तार होंगे सूर्य प्रताप शाही, योगी सरकार में हैं मंत्री

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-17 05:38 GMT
24 साल पुराने मामले में गिरफ्तार होंगे सूर्य प्रताप शाही, योगी सरकार में हैं मंत्री

डि़जिटल डेस्क, लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को गिरफ्तार और संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया गया है। कसया थाने में दर्ज मुकदमे में सूर्य प्रताप शाही पर सरकारी कार्य में बलपूर्वक बाधा पहुंचाने (भारतीय दंड संहिता की धारा 353) और आपराधिक नीयत से बलप्रयोग (धारा 506) के तहत आरोप लगाए गए हैं। सूर्य प्रताप शाही के खिलाफ कुशीनगर की एक स्‍थानीय अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है।

 


 

गैर-जमानती वारंट जारी

 

मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए एसीजेएम ने कहा कि मंत्री का गैर-हाजिर रहना गंभीर क्राइम है और इसके बाद उन्होंने शाही के खिलाफ वारंट जारी कर दिया। एसीजेएम ने कुशीनगर पुलिस को उनकी संपत्ति कुर्क करने का भी आदेश सुनाया है। इस आदेश की तामील के लिए कसया एसएचओ को नोटिस देकर उन्‍हें इस संबंध में अदालत को सूचना देने के लिए कहा गया है। बता दें कि सूर्य प्रताप शाही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के रास्‍ते बीजेपी में आए। राम जन्‍मभूमि आंदोलन में शाही सक्रिया रहे और 1980 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े, मगर हार गए।

 


 

1994 में दर्ज हुआ था मामला
 

 

1985 में पहली बार विधायक बने और दो साल बाद यूपी सरकार में मंत्री भी बन गए। 1991 में उन्‍हें गृह राज्‍यमंत्री बनाया गया। 1992 में उन्‍होंने स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय संभाला। यह मामला इसी कार्यकाल से जुड़ा हुआ है। शाही 2005 से 2015 तक भाजपा प्रदेश उपाध्‍यक्ष रहे, फिर अध्‍यक्ष बने। उनके पिता संघ के जिला संचालक थे और चाचा जनता पार्टी सरकार में मंत्री रहे थे। मंत्री के खिलाफ 1994 में कसया थाने में संग्रह अमीन चंद्रिका सिंह की ओर से मामला दर्ज करवाया गया था। 

 

 

19 फरवरी को कोर्ट में हाजिर करने आदेश

 

सूर्य प्रताप शाही पर आरोप था कि उन्होंने सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न की। इस मामले में पुलिस ने साल 2004 में आरोप पत्र दायर किया और मुकदमे की कार्यवाही शुरू हुई। 14 मई 2007 के बाद से वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। जिसके बाद मंगलवार को सुनवाई के दौरान एसीजेएम चंद्रमोहन चतुर्वेदी ने 11 सालों तक गैर-हाजिर रहने चलते शाही के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। 19 फरवरी, 2018 को न्‍यायालय के समक्ष हाजिर करने का भी आदेश दिया गया है। शाही इस समय पड़ोसी जिले देवरिया की पथरदेवा सीट से विधायक हैं। शाही उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं।

 

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