अयोध्या में मस्जिद नहीं मंदिर तोड़ा गया था: स्वरूपानंद सरस्वती

अयोध्या में मस्जिद नहीं मंदिर तोड़ा गया था: स्वरूपानंद सरस्वती

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-18 18:38 GMT
अयोध्या में मस्जिद नहीं मंदिर तोड़ा गया था: स्वरूपानंद सरस्वती

डिजिटल डेस्क, भोपाल।द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने दावा किया है कि अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि में मस्जिद कभी थी ही नहीं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि 6 दिसंबर 1992 में कारसेवकों ने अयोध्या में मंदिर तोड़ा था, मस्जिद नहीं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरस्वती ने कहा, राम जन्मभूमि में मस्जिद नहीं थी। वहां मीनार थी। कारसेवकों ने मस्जिद नहीं, मंदिर तोड़ा है।

स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, न तो बाबरनामा में और ना ही आइना-ए-अकबरी में ऐसा कोई विवरण उपलब्ध होता है, जिससे यह सिद्ध हो कि बाबर ने अयोध्या में किसी मस्जिद का निर्माण किया था।" सरस्वती का दावा है कि अदालत के आदेश के अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद में भव्य राम मंदिर बनेगा।

उन्होंने भ्रष्टाचार को देश के लिए सबसे खतरनाक चीज बताया। सरस्वती ने कहा कि बिना पैसे के चुनाव नहीं लड़ा जा सकता, पंच, सरपंच और अन्य चुनाव लड़ने के लिए पैसा खर्च करना पड़ता है। एफआईआर दर्ज करने के लिए पैसा देने पड़ता है। हर जगह भ्रष्टाचार है।

पीएम नरेन्द्र मोदी और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए सरस्वती ने कहा, "जब मैं वर्तमान केन्द्र सरकार या प्रदेश सरकार के खिलाफ बोलता हूं तो सीधे कह दिया जाता है कि मैं कांग्रेसी हूं। मैं उस समय कांग्रेसी था जब भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी जा रही थी। उस समय कांग्रेस के सिवाय कोई दूसरी पार्टी लड़ ही नहीं रही थी और आज मैं धर्माचार्य हूं।"

उन्होंने कहा, "मैं किसी शासक का मुरीद नहीं हूं। मैं शंकराचार्य हूं। हमारा धर्म है सनातन धर्म के हितों की रक्षा करना। हिन्दू हितों के खिलाफ कोई बोलेगा तो शंकराचार्य अपनी जुबान बंद नहीं रखेगा।" 

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