भाजपा महाधिवेशन: तय होगा 2019 का लाइन ऑफ एक्शन

भाजपा महाधिवेशन: तय होगा 2019 का लाइन ऑफ एक्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-02 03:52 GMT
हाईलाइट
  • अधिवेसन में तय होगा 2019 का लाइन ऑफ ऐक्शन
  • कांग्रेस के खिलाफ रणनीति तैयार की जाएगी
  • भाजपा का महाधिवेशन 11 और 12 जनवरी को

डिजिटिल डेस्क, नई दिल्ली। तीन राज्यों में करारी हार के बाद भाजपा के अंदर मंथन का दौर जारी है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अंतिम महाधिवेशन में भाजपा का लाइन ऑफ एक्शन तय होगा। इस महाधिवेशन में भाजपा कार्यकारिणी के सदस्यों, राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के साथ सभी जनप्रतिनिधियों को बुला रही है। इसका कारण यह है कि चुनाव के वक्त कार्यकर्ताओं में लाइन ऑफ एक्शन को लेकर किसी तरह का भ्रम न हो।  

11,12 जनवरी को होगा अधिवेशन
भाजपा चाहती है कि चुनाव से पहले इस बड़े कार्यक्रम के जरिए कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा जाए ताकि पांच राज्यों के चुनाव नतीजों से छाई निराशा को धोया जा सके। 11 और 12 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम में देशभर से लगभग 12 हजार पार्टी नेता शामिल होंगे। इस अधिवेशन में जनप्रतिनिधियों के अलावा संगठन के नेता भी शामिल हैं। 

महाधिवेशन में लोकसभा पर फोकस
भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस राष्ट्रीय परिषद में सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, इसलिए यह एक तरह से महाधिवेशन की तरह ही है। भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था। हालांकि इस अधिवेशन में इतनी बड़ी तादाद में कार्यकर्ताओं को शामिल नहीं किया गया था। भाजपा ने रणनीति बनाई है कि महाधिवेशन में पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर रहे और जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं तक सीधे यह संदेश जाए कि पार्टी किस लाइन पर चुनाव लड़ने जा रही है। 

कांग्रेस के खिलाफ रणनीति
अधिवेशन में यह भी तय किया जाएगा कि कांग्रेस पर किस तरह से हमलावर रहना है। राफेल पर कांग्रेस के विरोध का कैसे जवाब देना है। भाजपा नेताओं का कहना है कि इसके लिए राजनीतिक प्रस्ताव भी लाया जाएगा और इस प्रस्ताव के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि देश में पीएम नरेंद्र मोदी के मुकाबले का नेता किसी भी विपक्षी दल के पास नहीं है।

 

 

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