पूर्व पीएम मनमोहन के कार्यकाल में सबसे ज्यादा रही GDP ग्रोथ, रिपोर्ट में खुलासा

पूर्व पीएम मनमोहन के कार्यकाल में सबसे ज्यादा रही GDP ग्रोथ, रिपोर्ट में खुलासा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-18 07:22 GMT
पूर्व पीएम मनमोहन के कार्यकाल में सबसे ज्यादा रही GDP ग्रोथ, रिपोर्ट में खुलासा
हाईलाइट
  • राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की एक रिपोर्ट में हुआ खुलासा
  • कांग्रेस ने रिपोर्ट को लेकर यूपीए सरकार की मोदी सरकार से की तुलना
  • पूर्व पीएम मनमोहन के कार्यकाल में सबसे ज्यादा रही जीडीपी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में देश ने सर्वाधिक विकास दर हासिल की। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित ‘कमेटी आफ रियल सेक्टर स्टैटिक्स’ ने पिछली श्रृंखला (2004-05) के आधार पर जीडीपी आंकड़ा तैयार किया। यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गयी है।  रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखते हुए यूपीए सरकार की तुलना मोदी सरकार से की है। 

जारी रिपोर्ट में मनमोहन के कार्यकाल में देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है। आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में रही। उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। रिपोर्ट में पुरानी श्रृंखला (2004-05) और नई श्रंखला 2011-12 की कीमतों पर आधारित वृद्धि दर की तुलना की गयी है। पुरानी श्रृंखला 2004-05 के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 2006-07 में 9.57 प्रतिशत रही। उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। साल 2011-12 में संशोधित होकर 10.08 प्रतिशत रहने की बात कही गयी थी प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की अगुवाई में शुरू आर्थिक उदारीकरण की शुरूआत के बाद यह देश की सर्वाधिक वृद्धि दर मानी जाती है।

रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जीडीपी श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा अंतत: आ गया है। यह साबित करता है कि यूपीए शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3 प्रतिशत) से अधिक रही.’’ पार्टी ने कहा, ‘‘यूपीए सरकार के शासन में ही वृद्धि दर दहाई अंक में रही जो आधुनिक भारत के इतिहास में एकमात्र उदाहरण है।’’ 

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