लोकसभा में कांग्रेस समेत कई दलों की मांग- सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए तीन तलाक बिल

लोकसभा में कांग्रेस समेत कई दलों की मांग- सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए तीन तलाक बिल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-27 02:41 GMT
लोकसभा में कांग्रेस समेत कई दलों की मांग- सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए तीन तलाक बिल
हाईलाइट
  • केंद्र सरकार और बीजेपी ने लोकसभा में लंबित तीन तलाक बिल को पास कराने की तैयारी की है
  • तीन तलाक बिल पर संसद में चर्चा
  • पिछले सप्ताह सदन में इस पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन तलाक बिल को लेकर लोकसभा में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। बहस के बीच सरकार की ओर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी बता रखते हुए कहा, 20 इस्लामिक देशों में तीन तलाक पर प्रतिबंध है, तो भारत जैसा एक धर्मनिरपेक्ष देश ऐसा क्यों नहीं कर सकता है? मुझे लगता है इस बिल को राजनीति के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

रविशंकर प्रसाद ने कहा, देश में तीन तलाक के मामलों में कोई कमी नहीं आई है। जनवरी 2017 से लेकर 10 दिसंबर तक देशभर में 177 ट्रिपल तलाक के मामले सामने आए। दिसंबर में कांग्रेस ने इस बिल के समर्थन में वोट किया था। रविशंकर प्रसाद ने कहा, लोगों ने तमाम आपत्तियां जताईं उसके हिसाब से बदलाव किए गए। ट्रिपल तलाक बिल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। यह न किसी जमात के खिलाफ है, न आस्था के खिलाफ न किसी कम्युनिटी के खिलाफ। 

तीन तलाक बिल को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे कहा, तीन तलाक बिल पर विस्तृत स्टडी की जरूरत है। यह संवैधानिक मामला है। इस बिल को जाइंट सिलेक्ट कमिटी के पास भेजा जाना चाहिए। खड़गे ने कहा तीन तलाक किसी एक समुदाय का मामला है इस तरह से इस के धार्मिक मामलों में दखल से सरकार को बचना चाहिए। 

सदन में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 को लेकर की गई चर्चा के बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों बड़ी पार्टियों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। इससे पहले राफेल मुद्दे पर सदन में हंगामे के बाद 12 बजे उसके बाद 2 बजे सभा स्थगित कर दी गई थी। तीन तलाक बिल पर चर्चा से पहले कांग्रेस पार्टी एक विशेष बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रही। 

बता दें कि बिल को लेकर केंद्र सरकार की कोशिश है कि इसी सत्र में इस विधेयक को पास करवाकर इसे कानूनी रूप दिया जाए। अगर सरकार दोनों सदनों में इस बिल को पास करवाने में सफल हो जाती है तो यह बिल पहले से जारी अध्यादेश की जगह लेगा। बता दें कि लोकसभा में पहले ही यह विधेयक पेश किया जा चुका है। पिछले सप्ताह सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की इस बात पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी। 

बता दें कि बिल को लेकर कांग्रेस पहले ही सहमति जता चुकी है। कांग्रेस मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 पर होने वाली चर्चा में भाग लेगी। लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी बाधा के चर्चा होने दी जाएगी। 

 

 

 

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