RTI में सामने आया सरकारी गड़बड़झाला, भगत सिंह को बता दिया आतंकी

RTI में सामने आया सरकारी गड़बड़झाला, भगत सिंह को बता दिया आतंकी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-07 09:15 GMT
RTI में सामने आया सरकारी गड़बड़झाला, भगत सिंह को बता दिया आतंकी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को सरकारी रिकॉर्ड में अबतक शहीद का दर्जा नहीं मिला है। इतना ही नहीं सरकारी किताब में तीनों क्रांतिकारियों को आतंकी बताया गया है। ये चौंकाने वाला खुलासा एक आरटीआई में हुआ है।

RTI एक्टिविस्ट रोहित चौधरी ने मांगी थी जानकारी

आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित चौधरी ने इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (IECHR) में एक आरटीआई लगाई थी। आरटीआई में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जब इस आरटीआई का जवाब आया तो पता चला कि तीनों को भारत सरकार ने अभी तक शहीद का दर्जा नहीं दिया है।

IECHR का गड़बड़झाला

इतना हीं नहीं बल्कि आरटीआई में यह भी पता चला कि IECHR ने एक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसमें भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को कट्टर युवा आतंकी बताया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले IECHR के इस गड़बड़झाले की खबर अंग्रेजी की एक वेबसाइट में प्रकाशित की गई है। मालूम हो कि आईसीएचआर के चेयरमैन को भारत सरकार की ओर से नियुक्त किया जाता है।

RTI ने खोली सरकारों की पोल

आरटीआई ने पिछली सरकारों की भी पोल खोली है। आरटीआई में पता चला है कि पिछली सरकारों ने लगातार तीनों क्रांतिकारियों की शहादत को नजरअंदाज किया है। आजादी के बाद से अबतक कई बार सत्ता की बागडोर कांग्रेस संभालती आई है। इसके अलावा बीजेपी को भी देश की सरकार चलाने का मौका मिल चुका है। लेकिन अफसोस की बात है कि देश की आजादी के लिए अपने प्राणों तक को न्योछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को आधिकारिक तौर पर शहीद नहीं माना गया है।

पिछले साल भी हुआ था विवाद

गौरतलब है कि पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास के पाठ्यक्रम में शामिल एक किताब में भगत सिंह को क्रांतिकारी-आतंकवादी (रिवाल्यूशनरी टेररिस्ट) करार दिया गया था। इसके बाद बिपन चंद्रा, मृदुला मुखर्जी, आदित्य मुखर्जी, सुचेता महाजन और केएन पणिकर की ओर से लिखी गई और डीयू की ओर से प्रकाशित किताब ‘भारत का स्वतंत्रता संघर्ष’ के बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी गई थी। 

Similar News