Triple Talaq Bill : राज्यसभा में विपक्षी दल खड़ी कर सकते हैं नई मुश्किलें

Triple Talaq Bill : राज्यसभा में विपक्षी दल खड़ी कर सकते हैं नई मुश्किलें

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-29 10:44 GMT
Triple Talaq Bill : राज्यसभा में विपक्षी दल खड़ी कर सकते हैं नई मुश्किलें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन तलाक के खिलाफ बिल लोकसभा में गुरुवार को आसानी से पास हो गया। अब अगले हफ्ते इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा लेकिन जितनी आसानी से ये बिल लोकसभा में पास हुआ है उतना आसान रास्ता राज्यसभा का नहीं है क्योंकि राज्यसभा में भाजपा गठबंधन के मुकाबले 2018 तक कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की संख्या अधिक रहेगी।

कांग्रेस ला सकती है संशोधन

माना जा रहा है कि कांग्रेस राज्यसभा में इस बिल को लेकर कुछ संशोधन ला सकती है। इन संशोधनों में तीन साल की सजा का प्रावधान हटाने, गुजारा भत्ता और मेंटेनेंस अलाउंस को परिभाषित करने जैसी बातें शामिल है। बिल में कहा गया है कि तीन तलाक देने पर पति को उसकी पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा। ऐसे मे अगर पति जेल चला जाता है तो फिर ये सवाल उठता है कि गुजारा भत्ता कौन देगा। वहीं तीन तलाक साबित करने के लिए महिला पर ही पूरा बोझ डाल दिया गया है। ये महिला के लिए समस्या बन सकती है।

तृणमूल ने नहीं खोले पत्ते

तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा में इस इस बिल पर चर्चा के दौरान भाग नहीं लिया था। इसीलिए अब तक तृणमूल कांग्रेस का इस बिल को लेक रुख स्पष्ट नहीं हो पाया है। वहीं समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल भी इस बिल के खिलाफ हैं। ऐसे में राज्यसभा में कौन इस बिल के पक्ष में रहता है ये देखना होगा।

लोकसभा में आसानी से पास

गुरुवार को तीन तलाक को अपराध करार देने वाले इस विधेयक को लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया था, जिस पर दिन भर चली बहस के बाद वोटिंग हुई और शाम को इसे पास कर दिया गया था। AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी, ओवैसी का प्रस्ताव 2 वोटों के मुकाबले 241 मतों के भारी अंतर से खारिज कर दिया गया, जबकि 4 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तीन तलाक बिल के पास होने की घोषणा की। ओवैसी के अलावा बीजेडी के भर्तुहरी माहताब, कांग्रेस की सुष्मिता देव और सीपीआईएम के ए संपथ ने फभी संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। ये सारे संशोधन प्रस्ताव बहुमत से खारिज कर दिए गए थे।

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