लोकसभा में पारित हुआ तीन तलाक बिल, सभी संशोधन खारिज

लोकसभा में पारित हुआ तीन तलाक बिल, सभी संशोधन खारिज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-28 15:57 GMT
लोकसभा में पारित हुआ तीन तलाक बिल, सभी संशोधन खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  तीन तलाक पर रोक लगाने वाले विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया है। तीन तलाक को अपराध करार देने वाले इस विधेयक को सुबह कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया था, जिस पर दिन भर चली बहस के बाद वोटिंग हुई और शाम को इसे पास कर दिया गया।  मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक को लोकसभा में गुरुवार शाम को वोटिंग कराई गई और अधिकतर सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया। 

एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी, ओवैसी का प्रस्ताव 2 वोटों के मुकाबले 241 मतों के भारी अंतर से खारिज कर दिया गया, जबकि 4 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तीन तलाक बिल के पास होने की घोषणा की। ओवैसी के अलावा बीजेडी के भर्तुहरी माहताब, कांग्रेस की सुष्मिता देव और सीपीआईएम के ए संपथ ने फभी संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। ये सारे संशोधन प्रस्ताव बहुमत से खारिज कर दिए गए।
 

  • इस विधेयक की खास बात यह है कि इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 
  • विधेयक के मुताबिक किसी भी तरह से दिया गया एक साथ तीन तलाक, मौखिक, लिखित, ईमेल, मेसेज या वॉट्सऐप, अवैध और अमान्य होगा। 
  • विधेयक में एक साथ तीन तलाक का दोषी पाए जाने पर पुरुष को तीन साल की कैद की सजा का प्रावधान है। 
  • यह विधेयक सिर्फ तलाक-ए-बिद्दत यानी एक साथ तीन तलाक पर ही लागू होगा। यह विधेयक एक साथ तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं को मजिस्ट्रेट के पास जाने की ताकत देता है और अपनी एवं बच्चों की सुरक्षा एवं जरूरतों की मांग करने का हक देता है। 
  • इसके अलावा पीड़िता मजिस्ट्रेट से अपने नाबालिग बच्चे की कस्टडी भी मांग सकती है। 


रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ही इस विधेयक को संसद में पेश किया है। उन्होंने कहा कि हमें मुस्लिम महिलाओं के दर्द को समझना चाहिए। आज सुबह ही मैंने एक खबर पढ़ी कि रामपुर में एक महिला को पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसने उठने में देरी कर दी। यह विधेयक महिलाओं के अधिकारों और न्याय के लिए है। इसका किसी पूजा पद्धति, परंपरा या धर्म से लेना-देना नहीं है।


एमजे अकबर ने ये कहा
विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा आजकल यह बहुत कहा जा रहा है कि इस्लाम खतरे में है। यदि किसी ने कलमा पढ़ा है तो वह कैसे कह सकता है कि इस्लाम खतरे में है। आपने इस नारे को आजादी से पहले देश तोड़ने और अब समाज तोड़ने के लिए इस्तेमाल किया। कुछ खतरे में नहीं है बल्कि कुछ लोगों की दुकानदारी खतरे में है। 

यदि तीन तलाक के मामले में पुरुष के जेल जाने पर महिला के भरण-पोषण की बात की जा रही है तो फिर दहेज उत्पीड़न ऐक्ट (498ए) में तो 7 साल की सजा का प्रावधान है। यह एक साथ तीन तलाक महिलाओं को कैद में रखने का तरीका है। जिसके जरिए पुरुष कहते हैं कि मैं तुझे तलाक दे दूंगा तो कहां जाएगी, समाज में तेरी कोई प्रतिष्ठा नहीं रहेगी।

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