दार्जिलिंग में हिंसा भड़की, जीटीए दफ्तर को फूंका, लेखक-गायकों ने लौटाए सम्मान

दार्जिलिंग में हिंसा भड़की, जीटीए दफ्तर को फूंका, लेखक-गायकों ने लौटाए सम्मान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-14 04:49 GMT
दार्जिलिंग में हिंसा भड़की, जीटीए दफ्तर को फूंका, लेखक-गायकों ने लौटाए सम्मान

डिजिटल डेस्क, दार्जिलिंग। गोरखालैंड की मांग के चलते दार्जिलिंग में लगातार 29 दिन से बंद है। इन सबके बीच गोरखालैंड टेरीटोरियल प्रशासन (जीटीए) के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने एक रेलवे स्टेशन और जंगल में बने एक बंगले को भी आग लगा दी गई, कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि इस आगजनी में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इधर गोरखालैंड के समर्थन में लेखक और गायक भी खुलकर सामने आ रहे हैं। 

 

शुक्रवार को लेखक और दार्जिलिंग के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक कृष्ण सिंह मुक्तन ने सुबह ही अपना भानुभक्त अवॉर्ड लौटा दिया। उन्हें ये अवॉर्ड 2004 में मिला था। गायक कर्मा योंजन ने भी अपना संगीत सम्मान अवॉर्ड वापस कर दिया। मुक्तन और योंजन ने अपने अवॉर्ड नेपाली साहित्य सम्मेलन समिति को सौंप दिए। समिति इन अवॉर्डों को जिला प्रशासन के पास भेज देगी।

हिंसा और आगजनी के बीच दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और सोनादा में सेना की तैनात तक दी गई हैं। अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने नेपाली भाषा के जाने-माने कवि भानुभक्त आचार्य की कविता गाते हुए रैलियां निकालीं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा जीजेएम और हिल्स की अन्य पार्टियों ने आज भानुभक्त आचार्य की जयंती भी मनाई।

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने दार्जिलिंग में हिंसक गतिविधियों को आड़े हाथ लिया और कहा कि हिंसा कर रहे लोगों को बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे सभी विकास कार्य हिल्स में अटके पड़े हैं और आंदोलन करके जीजेएम अपने ही लोगों को नुकसान पहुंचा रही है ।

राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने आरोप लगाया कि जीजेएम के कार्यकर्ताओं ने उस वक्त उन पर पत्थर फेंके जब वो नेपाली कवि भानु भक्त की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पानीघाटा गए थे । मंत्री ने आरोप लगाया कि जीजेएम कार्यकर्ताओं ने वहां पुलिस की एक गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया । उन्होंने कहा कि ये कोई आंदोलन नहीं है बल्कि तोड़फोड़ और गुंडागर्दी है और केंद्र उनका समर्थन कर रहा हैं। इलाके में लगातार 26 दिन से इंटरनेट सेवाएं प्रतिबंधित हैं। दवा की दुकानें छोड़कर बाकी सारी दुकानें और दफ्तर भी बंद हैं। 

जीएमसीसी 30 सदस्यों वाली एक संस्था है, जिसमें जीजेएम, जीएनएलएफ, जेएपी और भारतीय गोरखा परिसंघ जैसी हिल्स स्थित पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। जीएमसीसी की अध्यक्षता जीजेएम के एक सदस्य कर रहे हैं।

 

 

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