उधर सुप्रीम कोर्ट से पद्मावत को हरी झंडी, इधर बैन लगाने वाले राज्य नए तोड़ की तलाश में

उधर सुप्रीम कोर्ट से पद्मावत को हरी झंडी, इधर बैन लगाने वाले राज्य नए तोड़ की तलाश में

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-18 12:49 GMT
उधर सुप्रीम कोर्ट से पद्मावत को हरी झंडी, इधर बैन लगाने वाले राज्य नए तोड़ की तलाश में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। अब फिल्म सभी राज्यों में दिखाई जाएगी। फिल्म पर चार बीजेपी शासित राज्यों ने बैन लगाया था। जिनमें मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान शामिल थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी जिन राज्यों ने इस पर बैन लगाया था वो वापस इसके रोक के लिए नए तोड़ की तलाश में लग गए हैं।

हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने कहा है कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में फिर से अपील करके रास्ते तलाशने की बात कही है। उधर "पद्मावत" के नाम पर सुर्खियां बटोरने वाले बीजेपी के बागी नेता सूरज पाल अम्मू ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने लाखों-करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि फांसी पर लटका दोगे फिर भी संघर्ष जारी रहेगा।

इस मामले पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों का पक्ष सुने बिना फैसला सुना दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे अपील का विकल्प तलाश किया जा रहा है।

राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। सभी पहलुओं से इस मामले को देख जा रहा है। हो सके तो हम दूसरे कदम उठाएंगे। गुजरात सरकार ने भी इस पर फैसले की स्टडी के बाद अगले कदम को उठाने की बात कही है।

उधर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद करणी सेना अपना उग्र रूप अख्तियार किए हुए है। करणी सेना के चीफ लोकेंद्र सिंह कल्वी का कहना है कि, जनता फिल्म हॉल पर कर्फ्यू लगा दे। उन्होंने कहा पूरे देश के सामाजिक संगठन पद्मावत पर विरोध करें और इस पर रोक लगा दें।

बता दें कि बीजेपी समर्थित 4 राज्यों ने पद्मावत की रिलीज पर रोक लगा रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात सरकारों के इस नोटिफिकेशन पर भी स्टे लगा दिया है। 

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