कुत्ते क्यों हमेशा परेशानी में अपने मालिकों को बचाते हैं

कुत्ते क्यों हमेशा परेशानी में अपने मालिकों को बचाते हैं

IANS News
Update: 2020-05-31 10:01 GMT
कुत्ते क्यों हमेशा परेशानी में अपने मालिकों को बचाते हैं

न्यूयॉर्क, 31 मई (आईएएनएस)। आपका पालतू कुत्ता हमेशा आपकी परेशानी से बचाव के लिए आएगा। शोधकर्ताओं के अनुसार, ऐसा तब तक होता है, जब तक वे जानते हैं कि इसे कैसे करना है।

पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित निष्कर्षों के लिए, शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि कुत्ते अपने मालिकों को बचाने के लिए कैसे मौके लेते हैं।

अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जोशुआ वान बोर्ग ने कहा, कुत्तों को किसी को बचाते हुए देखना आपको ज्यादा कुछ नहीं बताता, मुश्किल चुनौती यह जानना है कि वे ऐसा क्यों करते हैं।

परिणाम जानने के लिए रिसर्च टीम ने अपने मालिकों को बचाने के लिए 60 पालतू कुत्तों की प्रवृत्ति का आकलन करने एक प्रयोग किया। इस तरह के प्रयास में किसी भी कुत्ते ने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया था।

मुख्य परीक्षण में, प्रत्येक मालिक को हल्के वजन वाले दरवाजे लगे एक बड़े बॉक्स में रखा गया, जिसे कुत्ता एक तरफ ले जा सकता था। मालिकों ने मदद या मेरी मदद करो कहकर उस दरवाजे को हटाने के लिए कहा।

शोधकर्ताओं ने मालिकों को पहले से प्रशिक्षित किया था, ताकि मदद के लिए उनका रोना असली लगे।

वान बोर्ग ने आगे कहा, लगभग एक-तिहाई कुत्तों ने अपने परेशान मालिक को बचाया, जो अपने आप में बहुत प्रभावशाली नहीं है, लेकिन वास्तव में प्रभावशाली है जब आप इसे करीब से देखते हैं।

अध्ययन के अनुसार, ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां दो चीजें दांव पर हैं। एक, कुत्तों की अपने मालिकों की मदद करने की इच्छा है, और दूसरा यह है कि कुत्तों ने उस सहायता की प्रकृति को अच्छी तरह से समझा है।

जबकि एक अन्य परीक्षण में, जब कुत्तों ने शोधकर्ता को बॉक्स में भोजन रखते हुए देखा, तो 60 में से केवल 19 कुत्तों ने भोजन लेने के लिए बॉक्स को खोला। जबकि इससे अधिक कुत्तों ने अपने मालिकों को बचाने के लिए बॉक्स खोला था।

वान बॉर्ग ने कहा, तथ्य यह है कि बचाव की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। बॉक्स खोलने के लिए सिर्फ भोजन पाने की प्रेरणा जरूरी नहीं है। इसके अलावा एक और घटक है, वो है क्षमता। वो खोल सकते थे इसलिए उन्होंने बॉक्स खोला।

पूरे परीक्षण से सामने आया कि जो कुत्ते अपने लोगों को बचाने में विफल रहते हैं, वे समझ नहीं पाए कि क्या करना है। ऐसा नहीं है कि वे अपने लोगों की परवाह नहीं करते हैं।

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