योगी ने विधानसभा में पढ़ी शायरी, सोशल मीडिया में वायरल

योगी ने विधानसभा में पढ़ी शायरी, सोशल मीडिया में वायरल

IANS News
Update: 2020-08-22 19:00 GMT
योगी ने विधानसभा में पढ़ी शायरी, सोशल मीडिया में वायरल

लखनऊ, 22 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री योगी काफी अक्रामक नजर आए। उन्होंने अपने बयान पर विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने एक शायरी भी पढ़ी जो कि सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।

विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन नेता सदन मुख्यमंत्री योगी ने करीब एक घंटे के उद्बोधन में अपने विधायकों की जमकर तारीफ की और विपक्ष पर कटाक्ष किया। योगी ने कहा, मुझे श्लोक आते हैं, शायरी नहीं..। हालांकि उन्होंने विधानसभा में पहली बार एक शेर भी पढ़ा।

योगी ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस और सपा एक-एक खान को बचाने की मुहिम चला रही हैं। उनके इस बयान का पूरा सदन मेज और तालियां बजाकर स्वागत करता रहा।

कांग्रेस-सपा पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री योगी ने पहली बार एक शेर भी पढ़ा। उन्होंने कहा, मैं श्लोक जानता हूं, शायरी नहीं। लेकिन आज इतना जरूर कहूंगा कि चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गई होंगी, इल्जाम लग रहा है मगर हम पर बेवफाई का। चमन को रौंद डाला, जिन्होंने अपने पैरों से, वही दावा कर रहे हैं इस चमन की रहनुमाई का।

उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वह खान हैं जिन्होंने हमेशा कानून को ठेंगा दिखाया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कांग्रेस और सपा के हंगामे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सदन में प्रवेश के समय विपक्षी दल के एक सदस्य को गले में तख्ती लटकाए देख उन्हें मेरठ में गले में तख्ती लगाकर जान बख्शने की फरियाद कर रहे एक अपराधी का ख्याल आ गया। उन्होंने कहा जनता अपराधियों के पक्ष में खड़े नजर आने वालों को सबक सिखाएगी।

कांग्रेस पर खासतौर पर हमलावर दिख रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता तो ऐसे व्यक्ति की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए बाहर से भी धमकी भरे फोन आ रहे हैं। धमकी दी जाती है कि रिहा नहीं किया तो ये कर देंगे। लेकिन उन्हें बता दिया गया है कि ये उत्तर प्रदेश है। यहां कुछ करने से पहले दूसरे लोक की यात्रा करनी पड़ती है। दूसरे लोक की यात्रा करनी हो तो ही धमकी दो। सरकार किसी की धमकी से नहीं डरने वाली। यहां सुरक्षा एजेंसियां कुछ करने वालों को छोड़ेंगी नहीं।

वीकेटी/एसजीके

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