उपचुनाव से पहले नए सहयोगी के साथ कांग्रेस के गठबंधन को झटका

असम में कांग्रेस का नया साथी उपचुनाव से पहले नए सहयोगी के साथ कांग्रेस के गठबंधन को झटका

IANS News
Update: 2021-10-07 20:00 GMT
उपचुनाव से पहले नए सहयोगी के साथ कांग्रेस के गठबंधन को झटका

 डिजिटल डेस्क,  गुवाहाटी। अपने दो पुराने सहयोगियों - एआईयूडीएफ और बीपीएफ को हटाने के बाद, असम में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने 30 अक्टूबर को असम जातीय परिषद (एजेपी) और रायजोर दल के साथ उपचुनाव से पहले गठबंधन करने की कोशिश की, लेकिन बाद वाले ने कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया। लुरिनज्योति गोगोई के नेतृत्व वाली एजेपी और अखिल गोगोई के नेतृत्व वाली रायजोर दल ने मिलकर मार्च-अप्रैल विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन जेल में रहते हुए केवल अखिल गोगोई ही विधानसभा के लिए चुने गए। चुनाव आयोग ने 28 सितंबर को गोसाईगांव, तामुलपुर, भवानीपुर, मरियानी और थौरा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 30 अक्टूबर को उपचुनाव की घोषणा की। रायजोर दल कांग्रेस से मरियानी और थौरा सीट चाहता था, लेकिन बाद वाले ने स्थानीय पार्टी को भवानीपुर सीट की पेशकश की, जिससे संभावित गठबंधन टूट गया। एक प्रभावशाली किसान नेता और अधिकार कार्यकर्ता गोगोई ने कहा कि कांग्रेस सीटों के बंटवारे को निर्देशित करने की कोशिश कर रही थी और यह उनके लिए स्वीकार करना संभव नहीं है। रायजोर दल ने मरियानी और थौरा सीटों के लिए भी उम्मीदवारों की घोषणा की। रायजोर दल प्रमुख ने गुरुवार को मीडिया से कहा, अगर कांग्रेस हमें थौरा सीट देती है, तो हम मरियानी सीट से एक उम्मीदवार को वापस ले सकते हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने गोगोई के इनकार के बाद माजुली सीट एजेपी के लिए छोड़कर सभी पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के 27 सितंबर को राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई माजुली सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा जल्द की जा सकती है और पार्टी की बैठक में सभी छह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई। बोरा और एजेपी अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा, भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे को हराने की जरूरत है, जो केवल चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करती है।

 

(आईएएनएस)

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