सी वोटर सर्वे में बीजेपी के लिए बुरी खबर! इन दो राज्यों में बीजेपी को हो सकता है भारी नुकसान, एक राज्य में है बीजेपी की ही सरकार

बीजेपी को नुकसान सी वोटर सर्वे में बीजेपी के लिए बुरी खबर! इन दो राज्यों में बीजेपी को हो सकता है भारी नुकसान, एक राज्य में है बीजेपी की ही सरकार

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Update: 2023-01-31 10:18 GMT
सी वोटर सर्वे में बीजेपी के लिए बुरी खबर! इन दो राज्यों में बीजेपी को हो सकता है भारी नुकसान, एक राज्य में है बीजेपी की ही सरकार
हाईलाइट
  • यूपीए ने किया सर्वे में शानदार प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां कमर कस चुकी हैं। लेकिन इन सभी पार्टियों में सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी दिख रही है। इस साल 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी इन विधानसभा चुनावों को आगामी साल 2024 के लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देख रही है। सी वोटर सर्वे ने एक ताजा सर्वे किया है। जिसमें भाजपा को दो प्रदेशों में मतप्रतिशत में भारी नुकसान होता नजर आ रहा है।

यूपीए ने किया सर्वे में शानदार प्रदर्शन

भाजपा के लिए बिहार और महाराष्ट्र दोनों राज्य इसलिए भी अहम हो जाते हैं क्योंकि, यहां पिछली बार दोनों राज्यों में गठबंधन करके बीजेपी ने आम चुनाव में काफी शानदार प्रदर्शन किया था। वहीं इस बार वह दोनों राज्यों में अकेली पड़ गई है। बीजेपी के लिए बिहार और महाराष्ट्र नाक की लड़ाई बन गई है। सी वोटर सर्वे के मुताबिक, यहां दोनों राज्यों में भाजपा के वोट शेयर में गिरावट हो रही है। जबकि यूपीए को पिछली लोकसभा चुनाव से कहीं ज्यादा वोट शेयर मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। सर्वे की माने तो, महाराष्ट्र में यूपीए को 48 फीसदी जबकि बिहार में 47 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है। अगर ये सर्वे सही साबित होते हैं तो भाजपा को इन राज्यों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पिछले चुनाव में क्या रहा समीकरण?

महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के वोटर शेयर 25.75 रहा था। जबकि शिवसेना उस वक्त बीजेपी के साथ एलाएंस में रही थी। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने साथ ही में चुनाव लड़े थे। बीजेपी ने 122 सीटों पर चुनाव लड़े थे। जिसमें से 105 सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की थी। वहीं शिवसेना ने भाजपा गठबंधन के साथ 63 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इन सीटों में से 56 सीटों पर शिवेसना ने जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस गठबंधन को केवल 16.71 प्रतिशत वोट शेयर मिले थे। शिवसेना और बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला लेकिन मुख्यमंत्री पर आकर पेंच, फंस गया था। जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच दरार आई और भाजपा को सरकार से बाहर बैठना पड़ा था।

भाजपा ने पहचानी संवेदनशील सीट

महाराष्ट्र और बिहार की स्थिति को भांपते हुए भाजपा ने अपने पदाधिकारियों को इन दोनों राज्यों में एक्टिव कर दिया है। पिछले दिनों भाजपा ने कुछ ऐसे संवेदनशील सीटों का सर्वे किया था। जिसमें उसे हार की संभावना देखने को मिल रही थी। हाल ही में पटना में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की थी। जिसमें राज्य आगामी लोकसभा में कैसे और बेहतर प्रदर्शन करें इसके लिए रणनीति बनाई गई थी। भाजपा ने बिहार के कुछ ऐसे सीटों की लिस्ट तैयार की है जो काफी संवेदनशील रही है। इनमें नवादा, वैशाली, वाल्मीकि नगर, किशनगंज,कटिहार, सुपौल, मुंगेर, झंझारपुर, गया और पूर्णिया जैसी सीटें शामिल हैं। जबकि महाराष्ट्र में शिरडी, रत्नागिरी और मावल जैसी सीटें हैं। भाजपा इन सीटों पर अभी से अपनी नजर जमाए बैठी है। ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में उसे इन सीटों से बेहतर परिणाम देखने को मिले।

गठबंधन टूट जाने पर भाजपा हुई आक्रामक

भाजपा महाराष्ट्र और बिहार में गठबंधन टूट जाने पर कई बार खुलकर अपने पुराने साथियों पर जमकर बरसती हुई नजर आ चुकी है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा महाराष्ट्र दौरे पर गए थे। जहां पर उद्धव ठाकरे के ऊपर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि शिवसेना ने अपने विचारों से समझौता किया है। सत्ता के लालच में उद्धव ठाकरे ने पीठ में छुरा घोंपा है। वहीं बिहार में सत्ता से हाथ धोने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भाजपा काफी आक्रामक नजर आ रही है। शनिवार को प्रदेश प्रभारी विनोद तवाड़े ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, "ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश ने ठगा नहीं।" दरअसल, जब से बिहार में बीजेपी और जदयू की गठबंधन टूटी है। तभी से दोनों पार्टियों में जुबानी हमले और तेज हो गए हैं। 


 

  

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