किसानों के समर्थन में केजरीवाल की भूख हड़ताल, बोले- अन्नदाताओं को आतंकी कहा गया

किसानों के समर्थन में केजरीवाल की भूख हड़ताल, बोले- अन्नदाताओं को आतंकी कहा गया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-14 15:33 GMT
किसानों के समर्थन में केजरीवाल की भूख हड़ताल, बोले- अन्नदाताओं को आतंकी कहा गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में सोमवार को एक दिन का उपवास रखा। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा, किसानों का आंदोलन पवित्र है। ये आंदोलन पूरी तरह से अहिंसा पर चल रहा है, लेकिन किसानों को बदनाम करने की साज़िश की जा रही है। जो लोग भी किसानों को चीन और पाकिस्तान का एजेंट बता रहे हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आप एक दिन के लिए अपने बेटे बेटियों को चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर पर भेजकर देखो, तब पता चलेगा, कलेजे पर क्या बीतती है। किसानों को बदनाम करने की साज़िश की जा रही है। किसानों को आतंकवादी, देशद्रोही कहा गया। उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग कहा गया।

 केजरीवाल के मुताबिक किसान और जवान किसी भी देश की नींव होते हैं और अगर किसी देश के किसान और जवान संकट में हों तो वह देश कैसे तरक्की कर सकता है। जिस किसान को खेतों में होना चाहिए वह इतनी कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर बैठा है। केजरीवाल ने कहा, मुझे खुशी इस बात की है कि आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है। देशभर में फौजी किसान के साथ खड़े हैं, जवान किसान के साथ खड़े हैं, खिलाड़ी किसानों के साथ खड़े हैं, बड़ी-बड़ी बॉलीवुड की हस्तियां किसानों के साथ खड़ी हैं, देश के वकील, डॉक्टर सब किसानों के साथ खड़े हैं।

 केजरीवाल ने कहा, सोच कर देखो कितने ही किसान ऐसे हैं जिनके दो बेटे हैं। एक बेटा किसान बन गया और दूसरा बेटा सरहद पर जवान बन गया। फौज में जब उनका बेटा सुनता है कि मेरे भाई को आतंकवादी कहा जा रहा है तो उसके दिल पर क्या गुजरती होगी। उन्होंने कहा कि जितने भी लोग गंदी राजनीति के तहत किसानों को अपशब्द कह रहे हैं, मैं उनसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि किसानों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल न करें। 

केजरीवाल ने कहा, नए कृषि कानून में लिखा है कि कोई भी आदमी कितनी भी जमाखोरी कर सकता है। अभी तक जमाखोरी करना कानून में भी अपराध माना जाता था और शास्त्रों में भी पाप माना जाता था। जिन लोगों के पास पैसे हैं, ऐसे लोग दो तीन साल तक का सामान स्टोर करके रख लेंगे। इससे महंगाई हो जाएगी। इस कानून में लिखा है कि अगर एक साल में महंगाई दोगुनी हो जाएगी, सरकार तभी छापेमारी कर सकती है। ऐसे में तो यदि दाल के रेट बढ़ते हैं और मुख्यमंत्री को मालूम है की दाल की जमाखोरी की जा रही है तो भी मुख्यमंत्री छापेमारी के आदेश नहीं दे सकता।

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