मोदी का मैजिक चला या कांग्रेस की कारीगरी काम आई, क्या कहते हैं उपचुनाव के ये नतीजे?

उपचुनाव 2021 मोदी का मैजिक चला या कांग्रेस की कारीगरी काम आई, क्या कहते हैं उपचुनाव के ये नतीजे?

Anupam Tiwari
Update: 2021-11-02 15:54 GMT
मोदी का मैजिक चला या कांग्रेस की कारीगरी काम आई, क्या कहते हैं उपचुनाव के ये नतीजे?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज यानी मंगलवार को 13 राज्यों की 29 विधानसभा सीटों व 3 लोकसभा चुनाव सीटों पर हुए उपचुनाव के सभी नतीजे आ गए है। इन नतीजों को आगामी पांच राज्यों की विधानसभा चुनावों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी देखा जा रहा है। लोकसभा सीट केंद्र के लिहाज से तो वहीं विधानसभा सीट राज्यों के हिसाब महत्वपूर्ण थी। इस उपचुनाव के परिणाम से पता चल रहा है कि अबकी बार मंहगाई, पेट्रोल व गैस की कीमतों का आसमान छूना अहम मुद्दा बनकर उभरा। खैर,  इस चुनाव में नतीजे एक तरफा नहीं आए। हालांकि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा।

तीन लोकसभा सीट पर किसने मारी बाजी
आपको बता दें कि तीन लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में तीन लोकसभा सीटों में 2 सीटें भाजपा के पास थी हिमाचल की मंडी और मध्यप्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट तथा दादर नगर हवेली की सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास थी। मंगलवार को जो नतीजे सामने आए उसमें बीजेपी दो में से एक सीट ही बचाने में कामयाब हुई है। पार्टी को हिमाचल के चुनाव में तगड़ा झटका लगा है यहां पार्टी अपनी सीट नहीं बचा पाई। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि बीजेपी जिस मंडी सीट को गंवाई हैं, यह सीएम जयराम ठाकुर का गृहनगर होने के कारण महत्वपूर्ण थी और प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी।

आपको बता दें कि हिमाचल की मंडी सीट बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद खाली हुई थी, इस सीट पर बीजेपी ने खुशाल सिंह ठाकुर को उतारा था लेकिन वीरभद्र सिंह की पत्नी ने जीत हासिल की है। वहीं मध्यप्रदेश की खंडवा सीट भाजपा सांसद नंद कुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई थी। यहां से बीजेपी ने ज्ञानेश्वर पाटिल को उतारा था। बीजेपी यह सीट बचाने में कामयाब हुई है। उधर, सात बार के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर के निधन के बाद देलकर की पत्नी बलाबेन देलकर शिवसेना उम्मीदवार के तौर पर दादर नगर हवेली सीट से मैदान में थी, यहां उनको जीत मिली है।

13 राज्य 29 सीटें पर क्या रहे नतीजे?

गौरतलब है कि देश में 13 राज्यों की 29 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव  हुए थे। इसमें असम की 5, पश्चिम बंगाल की 4, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मेघालय की 3-3, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान की 2-2 और आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम व तेलंगाना की 1-1 विधानसभा सीट शामिल थीं। 29 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा बंगाल, मध्यप्रदेश और बिहार की रही, यहां पर सभी की निगाहें  टिकी थी। 29 सीटों पर आए नतीजों के बाद अगर देखा जाए तो बीजेपी को बंगाल और राजस्थान सीटों में से अधिकांश सीटों पर निराशा ही हाथ लगी। गौरतलब है कि बीजेपी दूसरे पायदान पर भी नहीं आ सकी।  

बिहार में नहीं चली लालू का जादू

आपको बता दें कि बिहार की जिन दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा था, उस सीट पर पहले से ही सत्ताधारी पार्टी का कब्जा था। कुशेश्वस्थान और तारापुर सीटे अबकी बार और महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। क्योंकि लालू प्रसाद यादव खुद चुनावी कमान संभाल रखी थी। लालू ने अपने उम्मीदवारों के पक्ष में जबरदस्त चुनाव प्रचार किए और कयास लगाए जा रहे थे कि इसका फायदा आरजेडी को मिल सकता है लेकिन लालू का जादू कामयाब नहीं हुआ और फिर से दोनों सीटें सत्ताधारी जेडीयू के खाते में चली गईं। एक समया था कि लालू को धुरंधर नेताओं में माना जाता था और जहां चुनावी प्रचार में जाते थे, अपने पक्ष में माहौल बनाने कामयाब हो जाते थे। लेकिन अबकी बार पूरी तरह से फेल रहे।

बंगाल में टीएमसी ने किया क्लीन स्वीप

आपको बता दें कि बंगाल में जब से विधानसभा के नतीजे आए हैं उसके बाद बीजेपी के लिए वहां कोई अच्छी खबर नहीं आ रही है। बीजेपी आज के उपचुनाव में वह दोनों सीटें भी हार गई जो पिछले चुनाव में जीती थीं। बंगाल में चार सीट दिनहटा और शांतिपुर बीजेपी के लिए खास थी क्योंकि यह सीट अप्रैल में जीती थी। दिनहटा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक और भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा दिया था। बीजेपी चारों सीटों पर नंबर दो पर रही वहीं ममता बनर्जी की पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है।

इन सीटों पर हुए थे उपचुनाव

राजस्थान 2 सीट
पश्चिम बंगाल 4 सीट
मिजोरम 1 सीट
बिहार 2 सीट
मेघालय 3 सीट
असम 5 सीट
हिमाचल 3 सीट
मध्यप्रदेश 3 सीट
हरियाणा 1 सीट
महाराष्ट्र 1 सीट
कर्नाटक 2 सीट
आंध्र प्रदेश 1 सीट
तेलंगाना 1 सीट

लोकसभा सीट
खंडवा मध्यप्रदेश
मंडी हिमाचल प्रदेश
दादर नगर हवेली
 

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