कॉमनवेल्थ गेम्स चमकी भारत की एक ओर बेटी, सुशीला देवी ने जूडो में जीता सिल्वर मेडल

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स चमकी भारत की एक ओर बेटी, सुशीला देवी ने जूडो में जीता सिल्वर मेडल

Anchal Shridhar
Update: 2022-08-01 17:19 GMT
कॉमनवेल्थ गेम्स चमकी भारत की एक ओर बेटी, सुशीला देवी ने जूडो में जीता सिल्वर मेडल
हाईलाइट
  • सुशीला देवी लिकमाबाम ने साल 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में देश को सिल्वर मेडल दिलवाया था

डिजिटल डेस्क, बर्मिंघम। भारत की जूडो खिलाड़ी सुशीला देवी लिकमाबाम ने यहां कामनवेल्थ गेम्स 2022 के चौथे दिन इतिहास रचते हुए 48 किग्रा में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। उन्हें फाइनल मुकाबले साउथ अफ्रीका की माइकेला व्हाइटबोइ को मात दी। 

इससे पहले सुशीला देवी ने महिलाओं के जूडो 48 किग्रा सेमीफाइनल में मॉरीशस की प्रिसिला मोरंड को 10-0 से मात देकर अब भारत के लिए एक और पदक पक्का कर लिया था। इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मलावी की हैरियट बोनफेस को भी 10-0 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।  

जूडो परिवार से आती है सुशीला 

मणिपुर पुलिस में काम करने वाली सुशीला देवी लिकमाबाम का जन्म जूडो खेल से जुड़े परिवार में होने की वजह से बचपन से ही उनकी जूडो में दिलचस्पी  रही। उनके चाचा लिकमाबम दिनित भी एक इंटरनेशनल जूडो खिलाड़ी थे। सुशीला ओलंपिक इतिहास में पहली भारतीय महिला जूडो खिलाड़ी थी, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में शिरकत की थी।

सुशीला ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में महाद्वीपीय कोटा से ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ किया था। हालांकि वो एलिमिनेशन राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में ही हंगरी की इवा सेरनोविस्की से हारकर ओलंपिक से बाहर हो गई थी, लेकिन इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में दमदार वापसी करते हुए फाइनल में जगह बनाई है। इससे पहले भी उन्होंने साल 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में देश को सिल्वर मेडल दिलवाया था। 

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