भारत की बेटी को गवारा नहीं ईरान में हिजाब पहनना, छोड़ी चेस प्रतियोगिता
भारत की बेटी को गवारा नहीं ईरान में हिजाब पहनना, छोड़ी चेस प्रतियोगिता
- फेसबुक पर जताई नाराजगी
- शतरंज खिलाड़ी सौम्या स्वामीनाथन का बड़ा फैसला
- हिजाब पहनना नहीं बर्दाश्त
- भारत की बेटी ने छोड़ी नेशनल प्रतियोगिता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । ईरान में होने वाली एशियन नेशनल चेस चैंपियनशिप से भारत की स्टार शतरंज खिलाड़ी सौम्या स्वामीनाथन ने अपना नाम वापस ले लिया है। सौम्या ने फेसबुक पर अपनी आपत्ति जताते हुए टूर्नामेंट में हिस्सा न लेने का ऐलान किया। सौम्या की नाराजगी ईरान में सिर पर स्कार्फ डालकर खेलने के नियम को लेकर है जिसे उन्होंने फेसबुक पर जाहिर किया है। ईरान के हमदान में 26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच एशियन नेशनल चेस चैंपियनशिप का आयोजन होना है।
फेसबुक पर जताई नाराजगी
महिला ग्रैंडमास्टर और पूर्व जूनियर गर्ल्स चैस चैंपियन सौम्या स्वामीनाथन ने फेसबुक पर इस नियम के खिलाफ अपनी राय रखी। सौम्या ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, मैं आगामी एशियन नेशनल कप चेस चैंपियनशिप 2018 में भाग लेने वाली महिला टीम से माफी चाहती हूं। 26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच ईरान में होने वाले इस टूर्नामेंट में महिलाओं से सिर पर स्कार्फ पहनने के लिए कहा जा रहा है, मैं नहीं चाहती कि कोई हमें स्कार्फ या बुर्का पहनने के लिए बाध्य करे।
सौम्या ने आगे लिखा मैंने पाया कि ईरान में सिर पर अनिवार्य स्कार्फ या बुर्का का नियम मेरे मानवीय अधिकारों का खासतौर पर फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन, फ्रीडम ऑफ थॉट, मेरी चेतना और मेरे धर्म का उल्लंघन है। इस स्थिति में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मेरे पास एक ही रास्ता बचा था कि मैं ईरान न जाऊं। सौम्या स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि आयोजकों की नजर में नेशनल टीम के लिए ड्रेस कोड लागू करना गलत है और खेलों में किसी तरह का धार्मिक ड्रेस कोड लागू नहीं किया जा सकता है।
सौम्या ने कहा कि एक खिलाड़ी खेल को अपनी जिंदगी में सबसे पहले रखता है और इसके लिए कई तरह के समझौते करता है लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके साथ समझौता नहीं किया जा सकता। 29 साल की सौम्या भारत की नंबर 5 महिला शतरंज खिलाड़ी हैं