जसप्रीत बुमराह से मिलने आए थे उनके दादा, साबरमती नदी में मिली लाश

जसप्रीत बुमराह से मिलने आए थे उनके दादा, साबरमती नदी में मिली लाश

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-10 11:39 GMT
जसप्रीत बुमराह से मिलने आए थे उनके दादा, साबरमती नदी में मिली लाश

डिजिटल डेस्क, साबरमती। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के 84 वर्षीय दादा संतोष सिंह बुमराह की लाश गुजरात के साबरमती नदी में मिली है। उत्तराखंड के उधमसिंहनगर में रह रहे संतोष सिंह अपने पोते जसप्रीत से मिलने के लिए अहमदाबाद आए थे। यहां उनकी मुलाकात अपने पोते से नहीं हो पाई थी। पोते से मिलने की जिद में वे अपने घर भी नहीं गए थे और उनके परिवार को संतोष सिंह की कोई जानकारी भी नहीं थी। इसके बाद पुलिस में उनके गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

जानकारी के अनुसार अहमदाबाद के मूल निवासी संतोष सिंह अपना सारा कारोबार बेचकर उत्तराखंड चले गए थे। मगर पारिवारिक विवाद के चलते जसप्रीत बुमराह और उनकी मां अहमदाबाद में दादा से अलग रहते थे। जसप्रीत के पिता जसवीर बुमराह का देहांत 2001 में ही हो गया था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक जब संतोष सिंह जसप्रीत बुमराह से मिलने अहमदाबाद पहुंचे तो वहां पर ना तो किसी ने उनसे बात की और ना ही मुलाकात की। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू ही की थी कि साबरमती नदी में एक लाश होने की खबर मिली। यहां अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के कर्मचारियों ने साबरमती नदी में गांधी ब्रिज और दधीचि ब्रिज के बीच से संतोष सिंह का शव देखा था। फिलहाल पुलिस ने इस पूरे मामले की विस्तार से जांच शुरू कर दी है।

अहमदाबाद निवासी संतोष सिंह बुमराह की बेटी राजिंदर कौर बुमराह ने बताया कि उनके पिता बीते शुक्रवार से लापता हैं। जब वे 2 दिनों तक घर नहीं पहुंचे तो अहमदाबाद के वस्त्रपुर पुलिस स्टेशन में उनके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। राजिन्दर कौर ने बताया कि जब वह अपने पिता के साथ जसप्रीत की मां दलजीत कौर से मिलने शहर के एक सिटी स्कूल में पहुंची तो वहां दलजीत कौर ने उनसे बात करने से मना कर दिया, यही नहीं उन्होंने जसप्रीत का फोन नंबर देने से भी मना कर दिया। राजिन्दर ने बताया है कि उनके पिता इस घटना के बाद काफी उदास थे। वे शुक्रवार को दोपहर बाद घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे।

गौरतलब है कि कभी संतोष सिंह काफी अमीर आदमी थे और अहमदाबाद में इनकी तीन फैक्ट्रियां थी। मगर 2001 में उनके बेटे जसवीर की मौत के बाद आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई थी। हालात बिगड़ता देख संतोष बुमराह को अपना सारा कारोबार बेचकर उत्तराखंड आना पड़ा। जसप्रीत के दादा उत्तराखंड के उधमसिंहनगर में बेहद खराब हालत में अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं। यहां पर वह एक किराये के मकान में रहते थे और रोजी-रोटी के लिए ऑटो चलाते थे।

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