पापा चाहते थे 'सरकारी नौकरी', क्रिकेट ने बदली उमेश की जिंदगी

पापा चाहते थे 'सरकारी नौकरी', क्रिकेट ने बदली उमेश की जिंदगी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-25 04:49 GMT
पापा चाहते थे 'सरकारी नौकरी', क्रिकेट ने बदली उमेश की जिंदगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार बॉलर में से एक उमेश यादव आज 30 साल के हो गए हैं। बेहद ही गरीब परिवार में 25 अक्टूबर 1987 को जन्मे उमेश यादव ने अपने जीवन में बहुत स्ट्रगल देखा है। उमेश के पिता मूल रूप से उत्तरप्रदेश के देवरिया से हैं, लेकिन नौकरी के चलते वो नागपुर आ गए। उमेश का जन्म भी नागपुर में ही हुआ और उनके पिता तिलक यादव नागपुर कोलफील्ड्स यानी कोयले की खदान में काम किया करते थे। उमेश अपनी 2 बहनें और 1 भाई में सबसे छोटे हैं। उनके पिता चाहते थे कि घर में से कोई सरकारी नौकरी में हो, ताकि घर की समस्या दूर हो सके। इसके लिए उमेश ने भी कई बार सरकारी नौकरी के लिए एग्जाम दिए, लेकिन सफल नहीं हो पाए। आखिरकार उन्होंने क्रिकेटर बनने के अपने शौक को चुना और आज टीम इंडिया के फास्ट बॉलर्स में उमेश की जगह है। आज उनके बर्थडे के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं, जिसे आप शायद ही जानते हों। 

 

खदान में काम करते थे उमेश के पिता

 

 

उमेश के पिता तिलक यादव मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले हैं, लेकिन कोयला खदान में नौकरी के चलते वो यूपी से नागपुर आ गए। नागपुर में उमेश की फैमिली खापरखेड़ा गांव में रहती थी। इस गांव ज्यादातर वही लोग रहते हैं, जो कोयला खदान में काम करते हैं। उनके पिता चाहते थे कि, उनका एक बच्चा कॉलेज में पढ़ाई करे, लेकिन फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। उमेश की कद-काठी अच्छी थी, जिस वजह से उनके पिता उन्हें पुलिस या सेना का जवान बनाना चाहते थे। अपने पिता के कहने पर उमेश ने सरकारी नौकरी के लिए खूब कोशिश की, लेकिन उनकी किस्मत उन्हें कहीं और ही ले जाने वाली थी। 

 

बचपन में पानी की तरह पी जाते थे "घी"

 

 

उमेश यादव टीम इंडिया के तगड़े खिलाड़ी हैं और उनकी इसी फिटनेस की वजह से उनके पिता चाहते थे कि वो पुलिस या सेना में जाए। उमेश को घी पीना बहुत पसंद था। उनके पिता कोयले की खदान में काम करते थे और उनकी इतनी इनकम नहीं थी कि वो अपने बेटे के इस शौक को पूरा कर सकें। इसके लिए उन्होंने घर पर एक गाय पाली, जिसकी वजह से घर में दूध और घी की कोई कमी नहीं हुई। बताया जाता है कि उमेश नाश्ते में भी रोटी और सब्जी के साथ घी मिलाकर पिया करते थे। इतना ही नहीं उन्हें घी पीना इतना पसंद था, कि वो पानी की तरह घी को पी जाते थे। 

 

आखिरकार अपने सपने के बारे में बता दिया उमेश ने

 

 

पिता के कहने पर उमेश ने सरकारी नौकरी के लिए कोशिश तो बहुत की, लेकिन वो उसमें सफल नहीं हो सके। बार-बार कोशिश करने के बाद भी उमेश जब एग्जाम क्लियर नहीं कर पाए, तो उन्होंने अपने पिता को क्रिकेटर बनने के सपने के बारे में बता दिया। क्रिकेट में करियर बनाने का फैसला ले चुके उमेश ने टेनिस बॉल को छोड़, लेदर बॉल से प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया। लेदर बॉल से खेलने के बाद उमेश विदर्भ के लिए खेलने लगे। उस समय तक उमेश के पिता के पास भी इतना पैसा नहीं था कि, वो उमेश के क्रिेकेट का खर्चा उठा सकें, लेकिन उमेश ने बिना हार माने और बिना बहाने किए अपने क्रिेकेट के शौक को बरकरार रखा। उनकी उसी जिद का नतीजा है कि, उमेश आज टीम इंडिया के बेहतरीन बॉलर है। 

 

2008 में रणजी खेलने का मिला मौका

 

 

विदर्भ के लिए खेलने वाले उमेश यादव को आखिरकार 2008 में रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला। मैच की पहली पारी में उमेश ने 75 रन दिए और 4 विकेट अपने नाम किए। अपनी इसी जोरदार परफॉर्मेंस के चलते उमेश को दलीप ट्रॉफी में भी मौका मिला, लेकिन उमेश की जिंदगी बदली IPL से। IPL-2010 में उमेश को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 18 लाख रुपए में खरीदा, इसके बाद से ही उमेश की जिंदगी बदल गई। IPL में मिले पैसों की बदौलत उमेश की फाइनेंशियल कंडीशन सुधर गई और घर में पैसों की तंगी भी कम हो गई।

 

2010 में हुए टीम इंडिया में शामिल

 

 

IPL में जोरदार परफॉर्मेंस के दम पर उमेश यादव को टीम इंडिया में जगह मिली। उमेश ने 2010 में वनडे और 2011 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। उमेश ने अब तक 71 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 32.25 के एवरेज से 102 विकेट लिए हैं। वहीं 34 टेस्ट मैच में उमेश के नाम 94 विकेट है। इसमें उनका एवरेज 35.94 रहा। अगर उमेश के  IPL करियर की बात करें, तो उमेश अब तक 94 मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 29.75 के एवरेज से 93 विकेट हासिल किए हैं। क्रिकेटर बनने के बाद उमेश को रिजर्व बैंक में ऑफिसर भी बनाया गया है, जिससे उनके पिता का "सरकारी नौकरी" वाला सपना भी पूरा हो गया। 

 

IPL में मिली वाइफ, बदली लाइफ

 

 

उमेश यादव को उनकी वाइफ या लाइफ IPL के दौरान ही मिली। उनकी वाइफ का नाम तान्या वाधवा है और दोनों की मुलाकात IPL-2010 में हुई। इसी दौरान दोनों में दोस्ती हुई, जो करीब 2 साल तक चली। इसके बाद 2012 में उमेश ने तान्या को प्रपोज कर दिया। 1 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद उमेश और तान्या ने शादी कर ली। टीम इंडिया के बेहतरीन बॉलर होने के बाद भी उमेश अपने पुराने दिनों को भूले नहीं है और आज भी वो अपने गांव खापड़खेड़ा जाते रहते हैं। 

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