ओलंपियन वीरधवल खाड़े बोले- एशियन गेम्स में पदक जीतने का है लक्ष्य

ओलंपियन वीरधवल खाड़े बोले- एशियन गेम्स में पदक जीतने का है लक्ष्य

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-17 06:50 GMT
ओलंपियन वीरधवल खाड़े बोले- एशियन गेम्स में पदक जीतने का है लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में अपने प्रदर्शन से निराश करने वाले ओलिंपियन वीरधवल खाड़े नए जोश के साथ एशियन गेम्स में पदक जीतने का लक्ष्य के साथ उतरने वाले हैं। इंडोनेशिया के जकार्ता में होने वाले एशियन गेम्स के लिए जोरदार तैयारी कर रहे खाड़े ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल मेरे लिए प्रदर्शन के लिहाज से बेहद खराब रहा। उपराजधानी में चल रहे खासदार क्रीड़ा महोत्सव की तैराकी स्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लिए नागपुर आएं वीरधवल खाड़े ने यह बात कही।

गोल्ड कोस्ट खेल की नाकामी को लेकर अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खाड़े ने कहा कि अभ्यास की कमी के कारण ऑस्ट्रेलिया में मैं अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया। वहां पर अभ्यास के लिए हमे सभी प्रकार की सुविधा मुहय्या नहीं करवाई गई। लेकिन बीजिंग ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके वीरधवल अब एशियन गेम्स को लेकर उत्साहित है और पदक की उम्मीद कर रहे हैं। एशियन गेम्स में खाड़े तीन इवेंट्स 50 मीटर फ्री स्टाइल और बटरफ्लॉय के साथ 100 मीटर फ्री स्टाइल में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे 50 मीटर के इवेंट्स से पदक की पूरी उम्मीद है, क्योंकि राष्ट्रमंडल और एशियन गेम्स की प्रतिस्पर्धा लगभग एक समान होती है।

तैराकी स्पर्धाओं की भारी कमी
स्पर्धाओं के कम आयोजन और स्तरीय सुविधा के अभाव में तैराकी का विकास उस प्रकार से नहीं हो पा रहा है, जिसकी अपेक्षा की जा रही है। सीनियर स्तर पर तैराकों में किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नहीं है, जिसके कारण हम अपनी क्षमता को परख नहीं पा रहे हैं। लेकिन जूनियर स्तर पर परिस्थिति विपरीत है। हम तैराकी से पदक की उम्मीद तो कर सकते हैं, लेकिन सुविधा नहीं दे पा रहे हैं।

तैराकों का होगा नुकसान
भारतीय तैराकी महासंघ द्वारा राज्य तैराकी संघ को गैरपंजीबद्ध कर दिया गया है। वीरधवल ने कहा कि इसका सीधा असर युवा तैराकों पर पड़ेगा। वर्तमान में तैराक भ्रमित है। संबंधित लोगों को समस्या का हल जल्द तलाश लेना चाहिए, ताकि इससे युवाओं का करियर बर्बाद न हो पाए। वीरधवल ने कहा नागपुर शहर ने मेरे सपनों को ऊंचाईयां दी। यहां के प्रदर्शन के बाद ओलिंपिक तक का सफर शानदार रूप से पूरा किया। मैं 2015 में भी नागपुर आया और राज्य सीनियर तैराकी स्पर्धा में भाग लिया। अब मैं टोक्यो 2020 ओलिंपिक की तैयारी कर रहा हूं।

Similar News