Olympic History: पहली बार दिखा महिला खिलाड़ियों का दम, पर भारत को निराशा ही मिली

Olympic History: पहली बार दिखा महिला खिलाड़ियों का दम, पर भारत को निराशा ही मिली

Bhaskar Hindi Desk
Update: 2021-07-15 06:41 GMT
Olympic History: पहली बार दिखा महिला खिलाड़ियों का दम, पर भारत को निराशा ही मिली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओलंपिक खेलों का 6वां आयोजन बेल्जियम के एंटवर्प शहर में 1920 में  20 अप्रैल से 12 सितंबर के बीच हुआ। इस बार के ओलंपिक में 29 देशों के 2,677 खिलाड़ियों ने 25 खेलों के 158 इवेंट्स में हिस्सा लिया। पहली बार 60 से अधिक महिलाओं ने इन खेलों में शिरकत की।


एंटवर्प खेलों में पहली बार ओलंपिक ध्वज पेश किया गया था। पांच महाद्वीपों के संघ को दर्शाने वाले पांच रिंगों के साथ ओलंपिक ध्वज को पहली बार बैरन डी कोबर्टिन द्वारा बनाए गए ओलंपिक खेलों में उठाया गया था।

1916 के ओलंपिक खेल बर्लिन में आयोजित होने वाले थे, लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के कारण रद्द कर दिए गए थे। 1920 में ये खेल एंटवर्प में हुए। ताकि, युद्ध के जख्मों को भरा जा सके और एंटवर्प के लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जा सके। खराब मौसम और आर्थिक संकट से त्रस्त इस शहर के पास युद्ध के बाद छोड़े गए मलबे को साफ करने और खेलों के लिए नई सुविधाओं के निर्माण के लिए बहुत कम समय मिला था। खेल शुरू होने पर स्टेडियम अधूरा था और ना ही एथलीटों को ठहराने के लिए कोई उत्तम व्यवस्था थी। एक ही कमरे में 10-10 एथलीट को रखा गया था। कार्यक्रमों में कम ही दर्शक मौजूद रहे, क्योंकि कुछ की ही जेब इसकी इजाजत दे रहा थी। अंतिम दिनों में, स्टैंड स्कूली बच्चों से भरे हुए थे जिन्हें मुफ्त प्रवेश दिया गया था।

प्रथम विश्व युद्ध में पराजित देश  जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, बुल्गारिया और तुर्की को आमंत्रित नहीं किया गया था। सोवियत संघ ने भाग नहीं लेने का फैसला किया।

उद्घाटन समारोह

उद्घाटन समारोह के दौरान पहली बार सभी प्रतियोगियों की ओर से ओलंपिक शपथ ली गई और पहली बार शांति के प्रतीक के रूप में कबूतरों को छोड़ा गया।

आयु कोई बाधा नहीं

72 साल की उम्र में स्वीडिश शूटर ऑस्कर स्वान ने टीम डबल-शॉट रनिंग डीयर इवेंट में रजत पदक अपने नाम किया। अब तक आलंपिक के इतिहास में मेडल जीतने वाले वह सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं।

 यादगार चैपिंयन

ट्रैक-एंड-फील्ड प्रतियोगिता में आकर्षण का केंद्र रहे फ़िनलैंड के पावो नूरमी, जिन्होंने 10,000 मीटर रेस, 10,000 मीटर क्रॉस-कंट्री व्यक्तिगत रेस और क्रॉस-कंट्री टीम रेस में तीन स्वर्ण पदक जीते । 5,000 मीटर की दौड़ में वह फ्रांस के गुइलमॉट के बाद दूसरे स्थान पर रहे।
फ़िनिश टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया, एथलेटिक्स में नौ स्वर्ण पदक प्राप्त किए, जो अमेरिकी टीम से एक कम था, अमेरिका का पहले से ही इन खेलों पर दबदबा बना हुआ था।

इटली के फ़ेंसर नेडो नाडी ने छह तलवारबाजी इवेंट्स में फ़ॉइल और सेबर में व्यक्तिगत खिताब सहित पांच स्वर्ण पदक जीते। स्वीमिंग और डाइविंग के इवेंट में अमेरिका के ड्यूक पाओ कहानामोकू और एथेल्डा ब्लेइब्रे ने क्रमश: दो और तीन गोल्ड मेडल जीते थे। अमेरिका की ही ऐलीन रिगिन ने मात्र 14 साल की उम्र में स्प्रिंगबोर्ड डाइविंग में स्वर्ण पदक जीता था।

भारत ने पहली बार 1920 के एंटवर्प ओलंपिक में एथलीटों का अपना आधिकारिक दल भेजा था। इसका श्रेय मशहूर व्यापारी दोराबजी टाटा को दिया जाता है।  1920 के ओलंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों को चुनने और प्रशिक्षित करने के लिए "भारतीय ओलंपिक संघ" बनाने की पहल दोराबजी टाटा ने ही की थी। इससे पहले 1920 पेरिस ओलंपिक में नॉर्मन प्रिचर्ड ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था जहां उन्होंने 2 सिल्वर मेडल अपने नाम किए थे।

1920 एंटवर्प ओलंपिक में भारत कोई भी पदक जीतने में असफल रहा था।

मेडल टेली

 

 

 

 

 

 


 

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