मणिपुर को खेल पावरहाउस नहीं सुपर स्पोर्ट्स पावर हाउस बनाना चाहती हूं : मैरी कॉम
मणिपुर को खेल पावरहाउस नहीं सुपर स्पोर्ट्स पावर हाउस बनाना चाहती हूं : मैरी कॉम
- मणिपुर में एनएसयू की स्थापना पर 524 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
- मैरी कॉम ने जताई मणिपुर में खेल सुपर स्पोर्ट्स पावर हाउस बनाने की ख्वाहिश।
- राज्यसभा में मणिपुर राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय का बिल पास।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओलिंपिक मुक्केबाज और राज्यसभा सांसद मैरी कॉम ने गुरुवार को मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय(एनएसयू) की स्थापना के लिए संसद के बिल पास करने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, " मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं, खेल विश्वविद्यालय खुलने से पुराने खिलाड़ी अपना प्रदर्शन और बेहतर कर सकेंगे। साथ ही इसके जरिए नई प्रतिभाएं उभर कर सामने आएंगी और उन्हें काफी फायदा और बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि देश के अपनी तरह के इस पहले संस्थान में खेल विज्ञान, खेल तकनीक, खेल प्रबंधन और खेल प्रशिक्षण जैसे विषयों पर अध्ययन-अध्यापन और शोध आदि किया जाएगा। इसके साथ ही चुने हुए खेलों के राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर भी ये संस्थान काम करेगा।
सुपर स्पोर्ट्स पावरहाउस बनाना चाहती हूं
मणिपुर को खेल पावरहाउस के रूप में जाना जाता है और मैं इसे सुपर स्पोर्ट्स पावरहाउस बनाना चाहती हूं। इसके लिए सरकार जो भी उचित कदम उठाएगी। उसमें मुझे सरकार की किसी भी तरह की मदद करने में बहुत खुशी होगी। राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय "खेल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, प्रशिक्षण, प्रबंधन और कोचिंग को बढ़ावा देने के लिए है। आगामी विश्वविद्यालय में उनके पाठ्यक्रम और विशेषज्ञता को विकसित करने के लिए कैनबरा और विक्टोरिया के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है।
जानते हैं एनएसयू के बारे में
मणिपुर में एनएसयू की स्थापना पर 524 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके ज़रिए खेल प्रशिक्षण और शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक के खिलाड़ी ही विश्वविद्यालय में शिक्षक के रूप में शामिल होंगे। खेल संस्थानों में खेल पृष्ठभूमि से कम ही लोग आते हैं। लेकिन इस विश्वविद्यालय में, चांसलर, अकादमिक और गतिविधि परिषद में वही लोग शामिल होंगे जो खिलाड़ी हैं और जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप और ओलिंपिक में भाग लिया था। एनएसयू का कुलपति भी किसी खिलाड़ी को ही बनाया जाएगा। विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स कोचिंग, फिजियोलॉजी, पोषण, पत्रकारिता और खेल से जुड़े अन्य वर्टिकल पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय के देशभर में ‘दूरस्थ परिसर’ (आउटलाइंग कैंपस) खोले जाएंगे जो एनएसयू के उद्देश्य को हासिल करने में मददग़ार होंगे।