पुजारा को भी यॉर्कशायर में झेलना पड़ा था नस्लवाद

पुजारा को भी यॉर्कशायर में झेलना पड़ा था नस्लवाद

IANS News
Update: 2020-12-05 14:31 GMT
पुजारा को भी यॉर्कशायर में झेलना पड़ा था नस्लवाद
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  • पुजारा को भी यॉर्कशायर में झेलना पड़ा था नस्लवाद

नई दिल्ली, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारतीय शीर्षक्रम बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भी इंग्लिश काउंटी क्रिकेट क्लब यॉर्कशायर में नस्लवाद का सामना करना पड़ा था।

यॉर्कशायर के कई पूर्व कर्मचारियों ने क्रिकेटर अजीम रफीक के दावों का समर्थन किया है। रफीक ने दावा किया था कि क्लब में नस्लवाद होने के कारण उन्होंने आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

पुजारा इस समय आस्ट्रेलिया में है, जहां वह चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा होंगे। पुजारा 2015 और 2018 में यॉर्कशायर क्लब के लिए खेल चुके हैं।

क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार यॉर्कशायर के पूर्व कर्मचारी ताज बट ने कहा, एशियाई समुदाय का जिक्र करते समय बार-बार टैक्सी चालकों और रेस्तरां में काम करने वालों का हवाला दिया जाता था। वे एशियाई मूल के हर व्यक्ति को स्टीव कहकर बुलाते थे। भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भी स्टीव कहा जाता था क्योंकि वे उनके नाम का उच्चारण नहीं कर पाते थे।

बट यॉर्कशायर क्रिकेट फाउंडेशन के साथ सामुदायिक विकास अधिकारी के तौर पर काम कर चुके है।

बट के अलावा टोन बाउरी यॉर्कशायर के साथ कोच के रूप में काम कर चुके हैं और साथ ही वह यॉर्कशायर क्रिकेट बोर्ड में सांस्कृतिक विविधता अधिकारी भी थे।

उन्होंने कहा, कई युवाओं को ड्रेसिंग रूम के माहौल में सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हुई क्योंकि उन पर नस्लवादी टिप्पणियां की जाती थी। इसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा और उन पर परेशानियां खड़ी करनी के आरोप लगाए गए। इससे प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा।

विदेशी खिलाड़ियों में पाकिस्तान के राणा नावेद उल हसन और वेस्टइंडीज के टीनो बेस्ट ने रफीक के आरोपों का समर्थन किया था।

- -आईएएनएस

ईजेडए/जेएनएस

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