राजदीप की बुक Democracy's XI की लॉन्चिंग पर सचिन-गावस्कर ने खोले कई राज

राजदीप की बुक Democracy's XI की लॉन्चिंग पर सचिन-गावस्कर ने खोले कई राज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-25 12:24 GMT
राजदीप की बुक Democracy's XI की लॉन्चिंग पर सचिन-गावस्कर ने खोले कई राज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पत्रकार राजदीप सरदेसाई की बुक लॉन्चिंग के मौके पर कई बड़े दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, विनोद कांबली मौजूद रहे। राजदीप टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी दिलीप सरदेसाई के बेटे हैं। उनकी किताब का नाम डेमोक्रेसी इलेवन- दे ग्रेट इंडियन क्रिकेट स्टोरी है। किताब के विमोचन के दौरान सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर ने अपने करियर के पुराने दिनों की बातें साझा की। मौके पर सुनील गावस्कर और सचिन ने कपिल देव पर कई अहम बयान दिए। गावस्कर ने कहा कि कपिल देव ने छोटे शहरों से आए कई खिलाड़ियों को प्रेरित किया।

 

 

आमतौर पर क्रिकेट में दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों से खिलाड़ी आया करते थे, लेकिन कपिल देव पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो एक छोटे से गांव से आए। कपिल देव की वजह से छोटी जगह से आए खिलाड़ियों में आत्मविश्वास जगा कि क्रिकेट सिर्फ बड़े शहरों के खिलाड़ियों का खेल नहीं है। सचिन तेंदुलकर ने भी 1990 के पाकिस्तान और न्यूजीलैंड दौरे को याद करते हुए बताया कि कपिल देव उनके रूम पार्टनर थे। वे उनका बहुत ख्याल रखते थे और चाय भी बनाकर पिलाते थे। सोने से पहले कपिल देव लाइट बंद कर कहते थे, ‘तेंडेल्या सोना है अभी’। बता दें राजदीप सरदेसाई अपनी किताब के विमोचन से पहले एम एस धोनी से भी मिले। राजदीप ने धोनी के साथ अपनी फोटो ट्विटर पर भी शेयर की। राजदीप ने अपनी किताब की एक कॉपी धोनी को भी दी।

 

 

सुनील गावस्कर ने भी बुक लॉन्च के मौके पर कहा कि कैसे उन्होंने सचिन तेंडुलकर को पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम से दूर रहने की सलाह दी थी। खासतौर पर उस वक्त जब वो उनके साथ मैदान पर टॉस के लिए जा रहे हों, क्योंकि अकरम ऐसे मौकों पर अक्सर विपक्षी टीम के कप्तान के कंधे पर हाथ रखकर दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करते थे। गावस्कर ने कहा कि कपिल देव ने खिलाड़ियों में ये अहसास जगाया कि न केवल वो देश के लिए खेल सकते हैं, बल्कि कप्तानी भी कर सकते हैं। इसके अलावा गावस्कर ने भारतीय टीम में भाईचारे की भावना का भी जिक्र करते हुए कहा कि हमारे दौर में खिलाड़ी केवल भारत के लिए खेलता था। भारतीय टीम में आज भी ये परंपरा कायम है। खिलाड़ी का खेल ही उसकी पहचान होता था। 

 

सचिन ने भी गावस्कर की बात का समर्थन किया और कहा कि ड्रेसिंग रूम में कोई जात-पात, रंग रूप का भेद नहीं है। बस एक ही लक्ष्य हमेशा दिमाग में रहता था कि टीम कैसे जीते। सचिन ने बताया कि किस तरह उन्होंने तमिल की अपनी जानकारी का लाभ मैच में उठाया। सचिन ने कहा, “...;इसलिए मैं मुन्नड़ि और पिन्नड़ि (आगे, पीछे) के हिसाब से मैं अपना स्टांस बदलता रहता था ताकि हेमंग गेंदबाज को जो बता रहे हैं उसके हिसाब से मैं अपनी स्थिति ठीक उलटी कर लेता था। कई बार इससे आपको फायदा हो जाता है

 

सचिन ने बताया कि किस तरह एक मैच में उन्होंने तमिल की अपनी जानकारी का लाभ मैच में उठाया। उन्होंने कहा कि "हम मुंबई में तमिलनाडु के खिलाफ खेल रहे थे गेंद रिवर्स स्विंग होने लगी थी। उन्होंने गेंद बदल ली थी। प्वाइंट पर खड़े फील्डर हेमंग बडानी ने गेंदबाद से कुछ कहा। लेकिन वो भूल गए कि मुझे थोड़ी बहुत तमिल समझ में आती है, मैंने भारतीय क्रिकेट टीम में 15 साल तक चेन्नई के खिलाड़ियों के संग ड्रेसिंग रूम शेयर किया है। मैं क्रीज से दो फीट बाहर खड़ा हो गया ताकि गेंदबाज की लेंथ बिगाड़ सकूं। हेमंग बडानी ने सचिन तेंदुलकर के इस बयान का वीडियो ट्वीट पर शेयर किया है। बडानी ने इस वाकये को याद दिलाने के लिए सचिन को शुक्रिया भी कहा है।

डेमोक्रेसी इलेवन- द ग्रेट इंडियन क्रिकेट स्टोरी के लॉन्च के मौके पर गावस्कर, सचिन के अलावा अजीत वाडेकर, मोहम्मद अजरुद्दीन के अलावा कई खिलाड़ी मौजूद थे।

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