'BCCI अधिकारी कोहली की इतनी पूजा करते हैं, जितनी कैबिनेट मंत्री मोदी की नहीं करते'

'BCCI अधिकारी कोहली की इतनी पूजा करते हैं, जितनी कैबिनेट मंत्री मोदी की नहीं करते'

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-20 14:22 GMT
'BCCI अधिकारी कोहली की इतनी पूजा करते हैं, जितनी कैबिनेट मंत्री मोदी की नहीं करते'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के जाने-माने इतिहासकार और करीब चार महीने तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित BCCI के क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (CAC) का हिस्सा रहे लेखक रामचंद्र गुहा ने BCCI और भारतीय कप्तान विराट कोहली पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि BCCI के अधिकारी भारतीय कप्तान विराट कोहली की इतनी पूजा करते हैं, जितनी कैबिनेट मंत्री पीएम मोदी की नहीं करते।

कोलकाता टेलीग्राफ के लिए लिखे गए एक लेख में गुहा ने BCCI को भारतीय कप्तान के आगे नतमस्तक बताया है। उन्होंने लिखा है, "BCCI विराट कोहली के आगे बौनी पड़ रही है। BCCI को कोहली के सामने झुकने से बचना चाहिए। कोहली का अक्खड़पन टीम के काम का नहीं है।" गुहा लिखते हैं, "BCCI के अधिकारियों और चयनकर्ताओं ने कोहली के करिश्माई व्यक्तित्व और उपलब्धियों के आगे हथियार डाल दिए हैं। बोर्ड के अधिकारी उन मुद्दों को भी कोहली के सामने रखते हैं जो उनके दायरे में भी नहीं आते। मैंने अपने कार्यकाल के दौरान कोहली के BCCI पर इस दबदबे को देखा है।"

लेख में गुहा ने साउथ-अफ्रीका में भारत की हार पर भी करारा प्रहार किया है। गुहा ने लिखा है, "कोहली बेशक अच्छे खिलाड़ी हैं। उन्होंने दूसरे टेस्ट में बेहतरीन पारी खेली लेकिन निजी उपलब्धि टीम की असफलता नहीं छिपा सकती। अगर रहाणे को दोनों टेस्ट मैच में मौका मिलता, यदी भुवनेश्वर दूसरे टेस्ट में खेलते और होते और अगर टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका दो हफ्ते पहले गई होती तो शायद नतीजा भारत के पक्ष में होता।"

रामचंद्र गुहा ने अपने लेख में रवि शास्त्री के टीम इंडिया के कोच पद पर नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है, "कोच चुनने के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के चेयरमैन ने कोहली के व्यक्तित्व के सामने समर्पण कर दिया था। कोच चुनने वाली सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएल लक्ष्मण की क्रिकेट अडवायजरी कमिटी भी विराट कोहली से घबरा गए और इन्होंने संस्था को व्यक्ति विशेष के अधीन कर दिया।" गुहा ने लिखा, "कोहली को टक्कर देने वाले एकमात्र  कोच अनिल कुंबले थे। उनकी जगह रवि शास्त्री को कोच बनाया गया, जो कि विराट की तुलना में व्यक्तित्व और मैदानी उपलब्धियों के आगे तुच्छ है। शास्त्री को कोचिंग का अनुभव भी नहीं है लेकिन विराट की इच्छा के आगे BCCI ने रवि शास्त्री को कोच बना दिया।"

Similar News