2023 तक नागपुर से मुंबई चलेंगी 2 निजी ट्रेनें

2023 तक नागपुर से मुंबई चलेंगी 2 निजी ट्रेनें

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-29 11:38 GMT
2023 तक नागपुर से मुंबई चलेंगी 2 निजी ट्रेनें

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  वर्ष 2023 तक नागपुर से दो निजी ट्रेनें चलेंगी। मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रीय तैयार है, लेकिन कोविड के कारण उपयोग संभवन नहीं हो पा रहा है। यह जानकारी मध्य रेल नागपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक ने  वेब प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में विशेष ट्रेनों में नागपुर से मुंबई और पुणे तक ट्रेन चलाने के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। इस दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक नागपुर (तकनीकी)  मनोज  तिवारी, अपर मंडल रेल प्रबंधक नागपुर (प्रशासकीय) जय सिंह, अपर मंडल रेल प्रबंधक नागपुर (परिचालन) अनूप कुमार सतपथी एवं वरिष्ठ रेल अधिकारी भी शामिल रहे।

 60 कोविड केयर सेंटर कोच तैयार
सोमेश कुमार ने कोविड-19 में किए गए विशेष अनुबंध की जानकारी दी। साथ ही बताया कि, नॉन फेयर रेवेन्यू बढ़ाने हेतु लोकोमोटिव ब्रांडिंग के लिए हल्दीराम से अनुबंध किया गया है। 60 कोचेस को कोविड केयर सेंटर में बदलने की जानकारी देते हुए बताया कि, इन कोचेस को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर सहित जरूरी सामग्री पहुंचा दी गई है। जिस समय राज्य सरकार से आदेश आएगा कोच का उपयोग किया जाएगा। 

नागपुर में पुनर्विकास की प्रक्रिया जारी
निजी ट्रेन के विषय में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि, नागपुर से 2 निजी ट्रेनें प्रस्तावित हैं और दोनों मुंबई की हैं। इस ट्रेनों के लिए टेंडर निकाले गए हैं। 2023 तक यह ट्रेनें नागपुर से मुंबई तक चलेंगी। साथ ही बताया कि, नागपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए टेंडर निकाले गए थे जिसमें 8 अावेदन आए थे और उनमें से 6 को चुना गया है। इन 6 आवेदकों की सभी मानकों पर जांच होगी। एक महीने बाद टेंडर फाइनल कर दिया जाएगा और 3 साल तक कार्य पूरा करने की समय सीमा रहेगी। 

लॉन्ड्री को लेकर बोर्ड स्तर पर विचार 
लंबे समय से मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री को स्थापित करने के संदर्भ में बताया कि, मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री पूरी तरह तैयार हो चुकी है। इसके लिए राज्य सरकार से कुछ सर्टिफिकेट लेने की प्रक्रिया जारी है। इसे शुरू करने के बाद भी इसका उपयोग नहीं हो पाएगा, क्योंकि रेलवे ने लीनेन के परदे, चादर सहित अन्य वस्तुएं देना बंद कर दिया है। इस विषय पर रेलवे बोर्ड स्तर पर यह विचार किया जा रहा है कि, आगे भी यदि लीनेन का उपयोग नहीं होता है, तो इन लॉन्ड्री का उपयोग किस तरह किया जाएगा, क्योंकि नागपुर सहित पूरे देश में कई जगहों पर यह लॉन्ड्री स्थापित की गई है। 
 

 

Tags:    

Similar News