सरकार को कठोर फैसला लेने पर मजबूर न करे- मुख्यमंत्री

सरकार को कठोर फैसला लेने पर मजबूर न करे- मुख्यमंत्री

Anita Peddulwar
Update: 2020-03-30 16:07 GMT
सरकार को कठोर फैसला लेने पर मजबूर न करे- मुख्यमंत्री

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या अपेक्षा से अधिक बढ़ रही हैं। अगर जीवनावश्यक वस्तुओं के दुकानों में भीड़ कम नहीं हुई तो राज्य सरकार को कठोर कदम उठाने पड़ेंगे। इसलिए सरकार को बिना कारण कठोर फैसले लेने पर मजबूर न करे। रविवार को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए राज्य की जनता को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के जांच केंद्र बढ़ाए गए हैं। इससे स्वाभाविक रूप से कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब निमोनिया के मरीज भी बढ़ सकते हैं। इसलिए निजी डॉक्टरों को भी सतर्क होकर काम करना पड़ेगा। यदि किसी व्यक्ति में निमोनिया का लक्षण नजर आया तो उसे एक्स- रे और हिमोग्राम के टेस्ट के लिए कहे।

अगर उस व्यक्ति में निमोनिया रोग होने का पता चलता है तो उसे कोरोना वायरस का जांच कर रहे सरकारी अस्पतालों में भेजें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जनता की असुविधा को टालने के लिए जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानों को 24 घंटे खुले रखने का फैसला किया है। लेकिन कुछ लोग बिना कारण घर से बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमाएं सिल की जा चुकी हैं। अब एक जिले से दूसरे जिले की आवाजाही भी पूरी तरीके से बंद की जाएगी। कोरोना वायरस से लड़ाई मतलब आपातकाल की परिस्थिति है। इसलिए सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझकर उसके अनुसार व्यवहार करना चाहिए। 

सरकार लेगी मजदूरों की जिम्मेदारी, दिया जाएगा मुफ्त में भोजन 
मुख्यमंत्री ने पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिलाया है कि उनके रहने और भोजन की सुविधा प्रदेश सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों के जो मजदूर महाराष्ट्र में हैं वह कृपा करके जहां पर हैं वहीं रूक रहें। सरकार सभी मजदूरों के रहने और मुफ्त में भोजन की सुविधा कर रही है। इसके लिए राज्य भर में अभी तक एमआईडीसी सहित अन्य इलाकों में 163 केंद्र शुरू किए हैं। सरकार की ओर से पूरे राज्य में केंद्र खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी दूसरे प्रदेशों में महाराष्ट्र के नागरिक फंसे हैं तो वह लोग मुंबई में मुख्यमंत्री कार्यालय में संपर्क कर सकते है। सरकार की ओर से संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से बात करके मदद उपलब्ध कराई जाएगी। 

बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं का रखें ख्याल 
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारंटाइन किया गया है उनको अपने घर में ही रहना चाहिए। परिवार के लोगों को भी उनसे दूर रहना चाहिए। इसके अलावा घर में रहने वाले 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों का विशेष रूप से ध्यान रखना जाना चाहिए।  

डॉक्टरों ने बढ़ाया मेरा मनोबल 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मुंबई के कस्तुरबा और पुणे के नायडू अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों से बात कर रहा हूं। मुझे पता नहीं है कि मेरे बातचीत करने से डॉक्टरों का मनोबल कितना बढ़ा है लेकिन डॉक्टरों से बात करने के बाद मेरा मनोबल जरूर बढ़ा है। कोरोना वायरस की स्थिति से लड़ने वाले डॉक्टर, नर्स, पुलिस और जीवनावश्यक सेवाएं देने वाले लोग शूरवीर हैं। 

मदद के लिए आगे आ रहे लोग 
उद्धव ने कहा कि मुख्यमंत्री सहायता निधि- कोविड 19 नाम से स्वतंत्र बैंक खाता खोला गया है। मुख्यमंत्री सहायता निधि में कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने 10 करोड़ रुपए की मदद की है। इसके अलावा कई कंपनी और उद्यमी विभिन्न प्रकार से मदद कर रहे हैं। 

सर्वदलीय सहयोग  
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्य मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगियों के अलावा विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे समेत सभी दलों के नेताओं का सहयोग मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी संपर्क में हैं।   
 

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