एशियाई खेलों की तीरंदाजी में जबलपुर की मुस्कान ने जीता सिल्वर मेडल

एशियाई खेलों की तीरंदाजी में जबलपुर की मुस्कान ने जीता सिल्वर मेडल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-28 14:37 GMT
एशियाई खेलों की तीरंदाजी में जबलपुर की मुस्कान ने जीता सिल्वर मेडल
हाईलाइट
  • जबलपुर की तीरंदाज मुस्कान ने सिल्वर पर निशाना साधा।
  • भारतीय कंपाउंड महिला आर्चरी टीम को फाइनल में कोरिया से 228-231 के स्कोर से हारकर सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।
  • मुस्कान के परिवार में खुशी का माहौल।

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। 18 वें एशियाई खेलों की तीरंदाजी स्पर्धा के रोंगटे खड़े कर देने वाले रोमांचक मुकाबले में जबलपुर की मुस्कान ने जब सिल्वर पर निशाना साधा, तो संस्कारधानी खुशी से झूम उठी। सिल्वर मेडल की घोषणा होते ही सबसे पहले नजरें मुस्कान के मम्मी-पापा और छोटे भाई-बहन की ओर गईं, तो देखा कि उनकी आंखें खुशी से भर आईं। कहने के लिए शब्द नहीं थे, बस उनके खुशी के आंसू नजर आ रहे थे।

मुस्कान की मां माला किरार कुछ कह नहीं पा रही थीं। बहुत पूछने पर इतना जरूर कहा कि जब हम सब मुस्कान से फोन पर बात करते और कहते कि तुम्हारी बहुत याद आ रही है, बहुत दिन हो गए घर से गए, तो मुस्कान एक ही जवाब देती थी- मां अब मैं मैडल लेकर ही लौटूंगी। उसने अपनी मां को दिया हुआ वचन पूरा किया और अब मुस्कान सिल्वर मेडल के साथ नगर वापस लौटेंगी। मुस्कान ऐसा करने वाली नगर की ही नहीं, बल्कि पूरे मप्र की पहली तीरंदाज हैं। मुस्कान ने अपनी साथी खिलाड़ी मधुमिता कुमारी और ज्योति सुरेखा के साथ एक टीम में खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की है।

बड़ी मुश्किल से कटी रात
रात कितनी बड़ी होती है, उसे सिर्फ हमारा परिवार ही समझ सकता है, जो पूरी रात सिर्फ यही सोचता रहा कि सुबह कब होगी और कब मुस्कान टीवी पर खेलती दिखाई देगी। यह कहना है मुस्कान के पिता वीरेन्द्र किरार और माता माला किरार का। दिल की धड़कनें पूरी रात तेजी से चलती रहीं। न किसी को भूख लग रही थी, न प्यास। श्रीमती माला बताती हैं कि उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था, यहां तक कि छोटे-भाई बहन सुबह होते ही कुछ खाने की फरमाइश भी नहीं कर रहे थे। बस घड़ी पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं।

तेज बारिश और टीवी के सिग्नल्स भी नहीं रोक पाए उत्साह
रानीताल तीरंदाजी एकेडमी में मुस्कान का परिवार और साथी खिलाड़ी एक साथ मुस्कान की जीत को देखने एकत्र हुए थे। तेज बारिश भी उन्हें यहां एकत्र होने से नहीं रोक सकी, वहीं दूसरी ओर टीवी के सिग्नल्स ने भी उनका साथ नहीं िदया, लेकिन मोबाइल पर टकटकी लगाए बैठे खेल प्रेमियों ने हर एक पल का जश्न मनाया।

भाई-बहन को है बेसब्री से इंतजार
मुस्कान का छोटा भाई वासु रक्षाबंधन पर अपनी बहन को बहुत याद करता रहा। उसका कहना है मुस्कान दीदी आकर मुझे राखी बांधेंगी, वहीं मुस्कान की छोटी बहन की आंखों में आंसू इस बात से आ रहे थे कि उसकी बड़ी बहन मुस्कान गोल्ड मैडल जीतने से चूक गईं। अपने छोटे भाई-बहनों के लिए रॉल मॉडल बन चुकीं मुस्कान अब सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि पूरे शहर के खिलाडिय़ों के लिए रॉल मॉडल बन चुकी हैं।

 

Similar News