फर्जी एप पर एक्शन: गूगल की बड़ी कार्रवाई, प्ले स्टोर से डिलीट किए 2200 से अधिक फेक लोन एप

  • राज्य मंत्री भागवत कराड़ ने यह जानकारी दी है
  • 3500 से 4000 लोन ऐप्स का रिव्यू किया था
  • 2,500 से अधिक को प्ले स्टोर से बैन किया

Manmohan Prajapati
Update: 2024-02-07 07:23 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंटरनेट की दुनिया ने जहां आमजन को कई तरह की सुविधा मुहैया कर लाइफ को आसान बनाया है। वहीं कई लोग इसका दुरुपयोग कर लोगों को परेशानी में डाल देते हैं। कई बार तो कर्ज के जाल में फंसकर कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है। हालांकि, साइबर क्राइम से निपटने के लिए सरकार लगातार नए कदम उठाती है। एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ है।

दरअसल, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी मंत्रालय ने दिग्गज कंपनी गूगल के साथ मिलकर ऐसे फर्जी एप्स पर बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में पिछले ढाई साल में प्लेस्टोर (Play Store) से 4,700 धोखाधड़ी वाले ऐप्स को हटा दिया है। आरबीआई MeitY के साथ 400 से अधिक ऐसे ऐप्स की लिस्ट शेयर की है।

संसद में दी गई जानकारी

संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, "सरकार अवैध लोन ऐप्स के खतरेको रोकने के लिए आरबीआई और अन्य नियामक निकायों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है।" आईटी मिनिस्ट्री के मुताबिक गूगल ने अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 के बीच 3500 से 4000 ऐप्स का रिव्यू किया था। उनमें से 2,500 से अधिक को प्ले स्टोर से बैन किया गया। सितंबर 2022 से अगस्त 2023 की अगली अवधि के दौरान Google ने 2,200 से अधिक धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स को डिलीट किया है। यह कार्रवाई जारी है।

2200 ऐप्स को जांच में पाया था फर्जी

गूगल ने लोन देने वाली ऐप्स की पॉलिसी में भी बदलाव किया है। प्ले स्टोर पर मिलने वाली ऐप्स को भी इसी पॉलिसी को फॉलो करना होता है। इस संबंध में गूगल ने सरकार की शिकायत के बाद जांच शुरू की थी और करीब 3500 ऐप्स को फ्रॉड पाया था। इसमें से करीब 2500 ऐप्स को तुरंत हटाने का फैसला किया गया था। ये ऐप्स लोन देने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करती थीं। गूगल केवल विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा प्रकाशित या आरई के साथ सहयोग करने वाले ऐप्स को ही अनुमति प्रदान की गई है। टेक दिग्गज ने भारत में लोन ऐप्स के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए यह फैसला लिया है।

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