Sillod News: पिता के गुस्से का डर - घर से भागे दो मासूम पैदल चलकर 100 किलोमीटर दूर पहुंचे छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन

पिता के गुस्से का डर - घर से भागे दो मासूम पैदल चलकर 100 किलोमीटर दूर पहुंचे छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन
  • तालाब में नहाने पर डांट खाई, तो बकरियां छोड़ घर से भाग गए दो मासूम
  • 100 किलोमीटर पैदल सफर, 30 घंटे की थकान
  • गुमशुदगी से गांव में मचा था हड़कंप
  • परिजनों ने ली राहत की सांस

Sillod News. सिल्लोड़ तहसील के बोरगांव बाजार में 6 अगस्त की दोपहर अचानक दो नाबालिग बच्चों के लापता होने से पूरे गांव में सनसनी फैल गई। परिजनों और रिश्तेदारों को शक हुआ कि बच्चों का अपहरण हो गया है। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू हुई। लेकिन, सच सामने आया तो सभी हैरान रह गए। बच्चों का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि तालाब में नहाने पर डांट खाने के बाद पिता के गुस्से से डरकर वे घर से भाग निकले थेऔर पैदल ही करीब 100 किलोमीटर दूर छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन तक पहुंच गए।

बस इतना कहा - इस तालाब में मत नहाओ4, डूब जाओगे

शेख अरबाज शेख अयूब (16) और शेख अमान शेख गुलाब (15) सुबह गांव के तालाब के पास खंडोबा महाराज मंदिर परिसर में बकरियां चरा रहे थे। इस दौरान दोनों ने तालाब में नहाने का मन बनाया। जैसे ही वे पानी में उतरे, तभी अरबाज के पिता शेख अयूब वहां पहुंच गए। उन्होंने डांटते हुए कहा—"इस तालाब में मत नहाओ, इसमें कितना पानी है तुम्हें पता नहीं, डूब जाओगे"—और गुस्से में वहां से चले गए। यही बात बच्चों के मन में डर बनकर बैठ गई। उन्हें लगा कि घर लौटने पर पिता नाराज़ होंगे, इसलिए वे नहाकर सीधे गांव से बाहर निकल पड़े और बकरियां वहीं छोड़ दीं।

30 घंटे - न भोजन, न नींद, बस कदम-दर-कदम आगे

6 अगस्त दोपहर 2 बजे शुरू हुई यह पैदल यात्रा 30 घंटे तक चली। तेज धूप, पसीना और थकान भी उनके कदम रोक नहीं पाए। शाम 7 बजे तक वे सिल्लोड़ पहुंचे और 7 अगस्त की रात संभाजीनगर रेलवे स्टेशन के पास रुक गए। जेब में किराए के पैसे न होने पर उन्होंने राह चलते एक बाइक सवार से मदद मांगी, जिसने उन्हें स्टेशन छोड़ दिया।

रेलवे स्टेशन पर मिलन—मां-बाप की आंखें भर आईं

शुक्रवार सुबह 10 बजे, जैसे ही दोनों कहीं और जाने की तैयारी में थे, बोरगांव बाजार से आए रिश्तेदारों ने उन्हें देख लिया। तुरंत पिता और पुलिस को खबर दी गई। सिल्लोड़ ग्रामीण पुलिस के पीआई रवींद्र ठाकरे, पीएसआई मनीष जाधव और पुहेकां विष्णु कोल्हे ने बयान लेने के बाद बच्चों को सुरक्षित माता-पिता के हवाले कर दिया। गांव लौटते समय मां-बाप के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

अपहरण की आशंका निकली गलत

पुलिस निरीक्षक रवींद्र ठाकरे के मुताबिक बच्चों के लापता होने पर रिश्तेदारों ने अपहरण की आशंका जताई थी। अरबाज के भाई की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला भी दर्ज कर लिया था। लेकिन, जांच में पता चला कि यह मामला किसी अपराधी गिरोह का नहीं, बल्कि दो मासूम बच्चों के डर और जिद का था। अब दोनों अपने परिवार के पास सुरक्षित हैं।


Created On :   9 Aug 2025 2:00 PM IST

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