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Sambhaji Nagar News: धर्मार्थ संस्था के नाम पर अरबों का घोटाला, दानवे का आरोप - स्कूली बच्चों का चावल अफ्रीका भेजा

- अंबादास दानवे ने लगाए धोखाधड़ी और अनियमितताओं के आरोप
- एसआईटी जांच व गिरफ्तारी की मांग
- अरबों का घोटाला हुआ
Chhatrapati Sambhaji Nagar New. धर्मार्थ संस्था के नाम पर सरकारी ठेके हथियाकर अरबों का मुनाफा कमाने और गरीब बच्चों के हिस्से का चावल विदेश भेजने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि मुंबई में पंजीकृत श्री जे.बी. ग्रेन्स डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार गुलाबचंद गुप्ता इस संस्था को अपने पारिवारिक कारोबार की तरह चला रहे हैं और सरकारी योजना का चावल अफ्रीकी देशों में तस्करी कर रहे हैं। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को भेजे पत्र में सीधे आरोप लगाया कि 1950 के ट्रस्ट अधिनियम के तहत धर्मार्थ पंजीकृत यह संस्था खुलेआम मुनाफाखोरी, फर्जी उप-ठेके और कालेधंधे में लिप्त है। दानवे के अनुसार, ट्रस्ट का एक पैसा भी धर्मार्थ कार्यों में खर्च नहीं किया गया, बल्कि अध्यक्ष और उनके परिवार की तिजोरी भरने में लगाया गया।
मामले की विस्तृत जांच की मांग
- ट्रस्ट के वित्तीय लेन-देन का फोरेंसिक ऑडिट कराया जाए
- धर्मार्थ आयुक्त ट्रस्ट का पंजीकरण रद्द करें
- निविदा प्रक्रिया में हुई सभी अनियमितताओं की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो
- एसआईटी गठित कर कंपनी मालिकों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए
- मुनाफा अध्यक्ष और परिवार के पास ही जा रहा
दानवे ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट को निजी स्वामित्व वाली संस्था की तरह चलाया जा रहा है और इसके अवैध व्यावसायिक कार्यों के लाभार्थी केवल अध्यक्ष और उनके परिवारजन हैं। ऑडिट रिपोर्ट के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से स्पष्ट है कि मुनाफा परिवार के पास ही जा रहा है। सभी परिवहन ठेके सीधे अनिल कुमार गुप्ता को उप-ठेके के रूप में दिए गए।
- बिना किसी नियम का पालन किए
- बिना न्यूनतम दर की जांच किए
- और बिना निविदा प्रक्रिया के
इन ठेकों में उपयोग की गई गाड़ियां भी अध्यक्ष की निजी स्वामित्व वाली हैं, जिन्हें ट्रस्ट के पैसों से खरीदा गया। परिवहन शुल्क मनमाने तरीके से अधिक रखा गया, जिससे मुनाफा सीधे निजी खातों में गया।
वित्तीय गड़बड़ियां
आरोप है कि गुप्ता परिवार ने ट्रस्ट के धन को “अनसिक्योर्ड लोन” के रूप में बिना अनुमति अपने खातों में स्थानांतरित किया और बिना अनुमति बैंक से ओवरड्राफ्ट सुविधा भी ली, जो पूरी तरह कानून के खिलाफ है। वर्तमान में यही ठेकेदार एमटीआरए डिवीजन “ए” में पीडीएस के तहत 95 रुपए प्रति क्विंटल (10 टन ट्रक के लिए 19,500 रुपए) की दर से चावल परिवहन कर रहा है, लेकिन पूरे मुंबई के लिए वही ठेका 10 टन ट्रक के लिए 11,400 रुपए की कम दर से कर रहा है। इसी तरह दानवे ने सवाल उठाया कि जब तक प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत मिलने वाला सब्सिडी वाला चावल काले बाजार में नहीं बेचा जा रहा हो, तब तक इतनी दरों का अंतर कैसे संभव है? उन्होंने दावा किया कि डीपीईएमएस विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से स्कूलों के लिए मिलने वाला चावल विदेशों में, विशेषकर अफ्रीकी देशों में, तस्करी किया जा रहा है।
प्रमुख शिकायतें
- ट्रस्ट को सरकारी ठेके (विशेषकर परिवहन ठेके) धांधलीपूर्ण तरीके से हासिल हुए।
- ट्रस्ट के मालिक ने बिना अनुमति “अनसिक्योर्ड लोन” रूप में अपने खातों में ट्रस्ट की राशि हस्तांतरित की और बिना निविदा प्रक्रिया के काम किया।
- ट्रस्ट के खाते का फॉरेंसिक ऑडिट, पंजीकरण रद्द करने और संबंधित आरोपियों पर आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई है
Created On :   14 Aug 2025 5:10 PM IST