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बैंकों में भी सुरक्षित नहीं आपका पैसा, 18 सरकारी बैंकों में 1.48 लाख करोड़ की धोखाधड़ी : RTI

हाईलाइट
- सबसे ज्यादा धोखाधड़ी SBI में हुई है
- RTI के तहत यह जानकारी सामने आई है
- इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 395 मामले सामने आए और 15,354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई
डिजिटल डेस्क, इंदौर। बैंकों में आपका पैसा कितना सुरक्षित है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2019-20 में तत्कालीन 18 सरकारी बैंकों में कुल 1,48,427.65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 12,461 मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा धोखाधड़ी SBI में हुई है। RTI के तहत यह जानकारी सामने आई है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 395 मामले सामने आए और 15,354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। पूरी धोखाधड़ी का 30 फीसद अकेले SBI में है। तीसरे नंबर पर बैंक ऑफ बड़ौदा है। मध्यप्रदेश नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ को RBI ने यह जानकारी दी है।
आरटीआई से मिले आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार सरकारी क्षेत्र का शीर्ष बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) बना। एसबीआई द्वारा इस अवधि के दौरान 44,612.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े 6,964 मामले सूचित किये गये। यह रकम बीते वित्त वर्ष के दौरान 18 सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी की जद में आयी कुल धनराशि का करीब 30 फीसद है।
रिजर्व बैंक ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक द्वारा एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 की अवधि में धोखाधड़ी के 395 मामले सूचित किये गये जिसमें 15,354 करोड़ रुपये की धनराशि शामिल है। इस फेहरिस्त में तीसरे स्थान पर बैंक ऑफ बड़ौदा रहा जिसमें 349 मामलों के साथ 12,586.68 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आयी।
गौरतलब है कि बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय एक अप्रैल, 2019 से अमल में आया था। आलोच्य अवधि के दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 424 मामलों में 9,316.80 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया ने 200 मामलों में 8,069.14 करोड़ रुपये, केनरा बैंक ने 208 मामलों में 7,519.30 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 207 मामलों में 7,275.48 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक ने 896 मामलों में 6,973.90 करोड़ रुपये और यूको बैंक ने 119 मामलों में 5,384.53 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना दी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।