RBI के अलर्ट के बाद भी निवेश, रिकॉर्ड 19000 डॉलर के स्तर पर Bitcoin
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुत कम समय में बिटकॉइन करेंसी ने इंटरनेशनल लेवल पर अपनी धाक जमा ली है। यह वर्चुअल (आभासी) करेंसी डिजिटल माध्यम से आज दुनिया के कई देशों के लोगों को मालामाल कर रही है। गौर करने वाली बात यह है कि इस क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन में तूफानी तेजी जारी है। 48 घंटे के भीतर बिटकॉइन की कीमत 19000 डॉलर के स्तर के पार पहुंच गई है। बुधवार को ये करेंसी जहां 12000 डॉलर पर कारोबार कर रही थी तो वहीं गुरुवार को 14000 डॉलर के आंकड़े को छू गई। अगर हम इस वर्चुअल करेंसी को भारतीय करेंसी के हिसाब से देखें तो शुक्रवार को एक बिटकॉइन की कीमत 12 लाख रुपये से ज्यादा हो गई है।
RBI का अलर्ट
बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी के बावजूद RBI ने अपने निवेशकों को इससे सावधान रहने को कहा है। हालांकि दिनो-दिन बढ़ती जा रही इसकी कीमत को देखते हुए इंवेस्टर्स इस जोखिम को लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं। पिछले दिनों करीब 2500 निवेशकों ने इसमें इंवेस्टमेंट किया है।
केंद्र सरकार ने मान्यता देने से किया इंकार
हाल ही में बिटक्वाइन को लेकर सरकार ने बड़ा बयान दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि फिलहाल सरकार बिटक्वाइन को मान्यता नहीं देगी। जेटली ने कहा कि अभी सरकार बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने की स्थिति में नहीं है।
क्यों रिस्की है बिटकॉइन ?
- वर्चुअल रूप में होने की वजह से बिटकॉइन जैसी करेंसी को डिजिटल मीडिया में रखा जाता है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट कहा जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट होने के कारण हैंकिंग जैसी संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
- बिटकॉइन में बड़ी मात्रा में उतार-चढ़ाव यह दिखाता है कि यह बिल्कुल भी "Balanced करेंसी" नहीं है। जिसमें निवेश करना ठीक नहीं।
- बड़ी संस्था इसका व्यापार करने से पहले कहती है कि जो भी नफा-नुकसान होगा उसका जिम्मेदार निवेशक ही होगा।
- डिजिटल करेंसी के जरिए पेमेंट सिर्फ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ही होती है। किसी भी भुगतान या पेमेंट के बीच कोई बड़ी संस्था नहीं रहती है।
अंडरवर्ल्ड "डॉन" भी बिटकॉइन में इंंवेस्टर
कहा जाता है कि डिजिटल करेंसी का प्रयोग ज्यादातर अवैध कामों में ही होता है। ऐसे में इसमें निवेश करने वाले लोग कानूनी रूप से भी सुरक्षित नहीं हैं। बताया जाता है कि दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि दाऊद बिजनेस के लिए बिटकॉइन इस्तेमाल करता है। कासकर ने कहा कि दाऊद ने लगभग 15,000 बिटकॉइन खरीदे हैं। जिनकी कीमत भारतीय करेंसी में तकरीबन 1000 करोड़ रूपए है। दाऊद इब्राहिम इस वर्चुअल करेंसी का प्रयोग कंस्ट्रक्शन और आर्म्स के गैर कानूनी कारोबार के लेनदेन में करता है।
अवैध कामों में इस्तेमाल आसान
गैरकानूनी धंधों में बिटकॉइन का इस्तेमाल करना आसान है। क्योंकि इसके लेन-देन का कोई रिकॉर्ड नहीं रहता है और ना ही इसके इस्तेमाल पर कोई सरकारी नियंत्रण है। इसका इस्तेमाल भी आम इंटरनेट पर नहीं बल्कि गैरकानूनी "डार्क नेट" से होता है।
बिटकॉइन की चोरी, ट्रेडिंग रुकी
जैसा ही हमने पहले ही बताया कि ये बिल्कुल भी सुरक्षित बिजनेस नहीं है और इससे होने वाले फायदे-नुकसान के लिए खुद निवेशक ही जिम्मेदार होता है। ऐसे में हालही में इसकी चोरी होने का मामला भी सामन आया है। बताया जा रहा है कि करीब 400 करोड़ रुपए से ज्यादा के बिटकॉइन चोरी हुए हैं। बिटकॉइन एक्सचेंज नाइसहैश ने चोरी की पुष्टि की है। करीब 4700 बिटकॉइन चोरी हुए हैं। चोरी का मामला सामने आने के बाद नाइसहैश ने 24 घंटे के लिए बिटकॉइन की ट्रेडिंग रोक दी है। बता दें यह हैकिंग काफी पेशेवर ढंग से की गई और इसकी जांच कर रही है। हालांकि इससे निवेशकों को नुकसान हुआ है या नहीं, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो सका है।
Created On :   8 Dec 2017 10:34 AM GMT