मिट्टी के दीए जलाएं, पर्यावरण और टैक्स बचाएं

Burn the lamps, save the environment and tax
मिट्टी के दीए जलाएं, पर्यावरण और टैक्स बचाएं
मिट्टी के दीए जलाएं, पर्यावरण और टैक्स बचाएं

ग्वालियर, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पर्यावरण संरक्षण के लिए चल रही मुहिम कदम दर कदम आगे बढ़ रही है। प्रशासन ने लोगों से दिवाली में मिट्टी के दीए जलाने का आह्वान किया है और इस कारोबार से टैक्स हटाकर कारोबारियों को राहत भी दी है।

जिलाधिकारी अनुराग चौधरी ने कहा, पर्यावरण संरक्षण में हर व्यक्ति की हिस्सेदारी होनी चाहिए, इसलिए जरूरी है कि दिवाली के मौके पर मिट्टी से बने दीयों का उपयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाए। इसके लिए इस कारोबार से जुड़े लोगों से किसी भी तरह का टैक्स नहीं वसूला जाएगा।

अनुराग चौधरी ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है, मिट्टी के दीयों का व्यवसाय करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए। ऐसे व्यापारियों से कोई भी टैक्स नहीं लिया जाए।

कलेक्टर अनुराग चौधरी ने अपने खत में पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से मिट्टी के दीयों का अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल देते हुए मिट्टी से दीये बनाकर बिक्री करने वाले व्यापारियों को प्रोत्साहित करने को अपील है।

उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले ऐसे सभी दीया निर्माताओं और ग्रामीणों से निगम की ओर से कोई टैक्स न लेने को कहा है। इसके साथ ही जिला पंचायत से ग्रामीण क्षेत्र में भी किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा।

कलेक्टर चौधरी द्वारा लिखे गए पत्र के परिपालन में नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने सभी क्षेत्राधिकारियों को पत्र लिखकर मिट्टी के दीयों का व्यवसाय करने वालों को प्रोत्साहित करने के निर्देश देते हुए इन लोगों से किसी प्रकार की कोई राशि न वसूलने को कहा है।

ग्वालियर में इससे पहले भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाए गए हैं, जिसमें बंदूक का लाइसेंस बनवाने के लिए पौधों का रोपण करने और उनकी देखभाल की शर्त लगाई गई है, वहीं क्रेशर संचालकों के लिए भी पौधरोपण अनिवार्य कर दिया गया है। अब मिट्टी के दीये का उपयोग करने को प्रोत्साहित किया जाता है।

आमतौर पर नगरीय निकाय और ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के सामान बनाने वालों से नगर निगम और पंचायतें टैक्स के तौर पर नियत राशि वसूलती है, वहीं सड़क किनारे दुकान लगाने वालों से भी वसूली की जाती है। इससे इस कारोबार पर असर पड़ता है। लिहाजा, इसी के चलते जिला प्रशासन ने टैक्स या दूसरी तरह की हर वसूली पर रोक लगा दी है।

Created On :   21 Oct 2019 2:00 PM GMT

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