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दैनिक भास्कर हिंदी: पंजाब में कपास का रकबा 22 फीसदी बढ़ा, हरियाणा में कम

हाईलाइट
- पंजाब में कपास का रकबा 22 फीसदी बढ़ा, हरियाणा में कम
नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। पंजाब में बीते दो साल से कपास की खेती को लेकर सरकार की ओर से मिल रहे प्रोत्साहन से इस साल कपास का रकबा पिछले साल के मुकाबले 22 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि हरियाणा में पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है। खास बात यह है कि भारत समेत वैश्विक बाजार में इस साल कॉटन यानी रूई के दाम में भारी गिरावट के बावजूद कपास की खेती के प्रति देश के किसानों की दिलचस्पी कम नहीं हुई है।
पंजाब में जहां पिछले साल अब तक कपास की बुवाई 3.92 लाख हेक्टेयर में हुई थी वहां इस साल 4.80 लाख हेक्टेयर यानी पिछले साल से 22.44 फीसदी ज्यादा रकबे में कपास की बुवाई हो चुकी है। पंजाब के कृषि विभाग के निदेशक एस.के. ऐरी ने आईएएनएस को बताया कि कपास का रकबा पांच लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है, हालांकि बुवाई अब मुश्किल से एक सप्ताह और चलने वाली है।
कृषि निदेशक ने बताया कि बीते दो साल से प्रदेश सरकार धान के बदले मक्का व कपास जैसी कम पानी की जरूरत वाली फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है और इस प्रयास के कारण दो साल पहले जहां कपास का रकबा राज्य में 2.62 लाख हेक्टेयर था वहां अब बढ़कर 4.80 लाख हेक्टेयर हो गया है।
हरियाणा में कपास का रकबा करीब 7.14 लाख हेक्टेयर हो चुका है जबकि पिछले साल इसी अवधि में करीब 7.23 लाख हेक्टेयर था। इस प्रकार हरियाणा में कपास का रकबा पिछले साल से थोड़ा कम है जबकि प्रदेश सरकार धान के बदले कपास की खेती करने वाले किसानों का प्रति एकड़ 7000 रुपये देती है।
हरियाणा के कृषि विभाग के अधिकारी आर. पी. सिहाग ने बताया कि हरियाणा में कपास के अलावा, मक्का, दलहन व दूसरी फसल लगाने में भी किसान दिलचस्पी ले रहे हैं।
पंजाब और हरियाणा उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्य हैं और दोनों प्रांतों की सरकार ज्यादा पानी की जरूरत होने वाली फसलों के बजाय कम पानी की जरूरत वाली फसलों की खेती के प्रति किसानों को प्रोत्साहन दे रही है, जिनमें कपास किसानों की पसंदीदा नकदी फसल है।
जानकार बताते हैं कि कपास ही ऐसी नकदी फसल है जिसका व्यापक स्तर पर सरकारी खरीद होती है जिससे ज्यादातर किसानों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल जाता है।
कॉटन बाजार के जानकार मुंबई के गिरीश काबरा ने बताया चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने करीब एक करोड़ गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कपास की खरीद की है जोकि कुल उत्पादन का तकरीब एक तिहाई है।
बेंचमार्क गुजरात शंकर-6 कॉटन का भाव एक साल पहले जहां 45500 रुपये प्रति कैंडी ( एक कैंडी में 356 किलो) था वहां इस समय 33800 रुपये प्रति कैंडी है। इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले इस साल कॉटन का भाव 11700 रुपये प्रति कैंडी कम है वहीं अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर इस समय कॉटन के सबसे सक्रिय सौदों में पिछले साल के मुकाबले भाव करीब 10 सेंट प्रति पौंड कम चल रहा है। इस समय आईसीई पर कॉटन का भाव करीब 60 सेंट प्रति पौंड है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार, इस साल देश में 330 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि ओपनिंग स्टॉक 32 लाख गांठ, आयात 15 लाख गांठ मिलाकर कुल सप्लाई 377 लाख गांठ रहने का अनुमान है। कोरोना काल में घरेलू मिलें बंद होने से घरेलू खपत महज 280 लाख गांठ जबकि निर्यात 47 लाख गांठ और सरप्लस 97 लाख गांठ और क्लोजिंग स्टॉक 50 लाख गांठ रहने का अनुमान है।
-- आईएएनएस
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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