महाराष्ट्र में गन्ने के अभाव में 3 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी पेराई

Crushing in Maharashtra will not last more than 3 months due to lack of sugarcane
महाराष्ट्र में गन्ने के अभाव में 3 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी पेराई
महाराष्ट्र में गन्ने के अभाव में 3 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी पेराई

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में इस साल सूखा और बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान होने से चीनी मिलों में तीन महीने से ज्यादा समय तक पेराई चलने की संभावना कम है।

प्रदेश की चीनी मिलों में गन्ने की पेराई चालू सीजन 2019-20 (अक्टूबर-नवंबर) में डेढ़ महीने के विलंब से 15 नवंबर से शुरू होने वाली है, लेकिन उद्योग संगठन के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि गóो की उपलब्धता कम होने की वजह से चीनी मिलों को फरवरी में अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ जाएगा।

नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि महाराष्ट्र की चीनी मिलों में ज्यादा से ज्यादा तीन महीने पेराई चलेगी क्योंकि प्रदेश में सूखा और बाढ़ के कारण इस साल फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने बताया कि 15 नवंबर से प्रदेश की तकरीबन सभी चीनी मिलों में पेराई शुरू हो जाएगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या महाराष्ट्र की चीनी मिलों को कर्नाटक से गन्ना मुहैया होगा, उन्होंने कहा, कर्नाटक में भी गóो की फसल खराब हुई है, इसलिए इसकी संभावना कम है।

उन्होंने कहा, महाराष्ट्र का मराठावाड़ा क्षेत्र इस साल सूखे की चपेट में रहा जिससे गóो की फसल खराब हुई जबकि कोल्हापुर, सांगली, सतारा और इचलकरंजी में बाढ़ के कारण गन्ने को भारी नुकसान हुआ है।

एनएफसीएसएफ ने चालू सीजन 2019-20 में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 55 लाख टन रहने का अनुमान लगाया, जोकि पिछले साल से तकरीबन आधा है। पिछले सीजन 2018-19 में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 107 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है।

किसानों को गन्ने के बकाये के भुगतान के बारे में पूछ जाने पर उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में करीब 100 करोड़ रुपये का बकाया है, लेकिन पूरे देश में गन्ना उत्पादकों का बकाया तकरीबन 6,500 करोड़ रुपये है जिसमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा करीब 5,000 करोड़ रुपये है।

Created On :   10 Oct 2019 6:00 PM GMT

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