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Covid-19: PMC बैंक से पांच लाख रुपये निकालने की याचिका, अदालत ने केद्र, आरबीआई से जवाब मांगा

हाईलाइट
- याचिका में कहा गया कि धन निकासी पर रोक को दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है
- बैंक के 35 से अधिक जमाकर्ताओं ने वित्तीय बाधाओं के कारण कथित रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया है
- अदालत ने उनसे 19 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले जवाब देने को कहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को घोटाले में फंसे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपये तक निकालने की इजाजत देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से जवाब मांगा।
याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते इलाज तथा अन्य खर्चों के लिए यह राशि निकालने की इजाजत दी जानी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा की याचिका पर वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और पीएमसी बैंक को नोटिस जारी किया। अदालत ने उनसे 19 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले जवाब देने को कहा।
मिश्रा ने अधिवक्ता शशांक देव के जरिए दायर याचिका में कहा कि अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान जमाकर्ताओं से केंद्र, आरबीआई या पीएमसी बैंक सामने अपनी वित्तीय कठिनाइयों और धन की वापसी के बारे में अपना प्रतिनिधित्व रखने के लिए कहा था। याचिका में आगे कहा गया कि इस बारे में बताने के बावजूद जमाकर्ताओं को पीएमसी बैंक से उनकी जरूरत के अनुसार धनराशि निकालने में मदद के लिए आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
याचिका में कहा गया कि धन निकासी पर रोक को दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है, जबकि बैंक के 35 से अधिक जमाकर्ताओं ने वित्तीय बाधाओं के कारण कथित रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया है।